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चेन्नई: परिसीमन के मुद्दे पर अब तक दक्षिण भारतीय राज्यों के नेताओं की ओर से केवल बयान आ रहे थे, लेकिन अब इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई का आगाज हो गया है। चेन्नई में आज (22 मार्च) इस मुद्दे पर बड़ी बैठक हुई। इसमें पांच राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम ने हिस्सा लिया। तीन अन्य राज्यों से भी नेताओं ने इस बैठक में शिरकत की। 

तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के नेतृत्व में यह बैठक आयोजित हुई। इसमें केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने हिस्सा लिया। ओडिशा की विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश के विपक्षी दल वाईएसआर-कांग्रेस की ओर से भी प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी ने अपने-अपने तथ्यों के साथ परिसीमन का विरोध किया।

मुख्यमंत्री स्टालिन ने बैठक को संबोधित करते हुए राजनीतिक और कानूनी कार्ययोजना तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का समर्थन किया।

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर नकदी मिलने के मामले में भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना को संभवत: एक रिपोर्ट सौंप दी है।

न्यायमूर्ति उपाध्याय ने घटना के संबंध में साक्ष्य और जानकारी एकत्रित करने के लिए आंतरिक जांच प्रक्रिया शुरू की थी और शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। उच्चतम न्यायालय का कॉलेजियम रिपोर्ट की पड़ताल करेगा और फिर कोई कार्रवाई कर सकता है। दरअसल, 14 मार्च को होली की रात करीब 11.35 बजे न्यायमूर्ति वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने के बाद दमकल कर्मी आग बुझाने पहुंचे थे। इस दौरान वहां कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिली थी।

शीर्ष अदालत ने एक बयान में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की है और उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने का प्रस्ताव भी है। बयान में कहा गया, ‘‘न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैल रही हैं।

नई दिल्ली: परिसीमन का जो मुद्दा तमिलनाडु से उठाया गया, अब वह देश के कई राज्यों तक पहुंच गया है। परिसीमन से जिन-जिन राज्यों का संसद में प्रतिनिधित्व कम होने की संभावना है, वह राज्य अब तमिलनाडु सीएम स्टालिन की इस लड़ाई में शामिल हो गए हैं। अब तक इस मुद्दे पर केवल बयान आ रहे थे, लेकिन आज से एक्शन भी शुरू होने वाला है। दरअसल, आज चेन्नई में परिसीमन के मुद्दे पर पहली बड़ी बैठक होनी है। इस बैठक में तमिलनाडु सरकार ने 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया था। इनमें से तीन राज्यों के मुख्यमंत्री, एक राज्य के डिप्टी सीएम और बाकी राज्यों से प्रतिनिधि इस बड़ी बैठक में शामिल होने वाले हैं।

केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन चेन्नई पहुंच चुके हैं। तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी आ रहे हैं। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी बैठक में सम्मिलित होने पर सहमति दे चुके हैं। इनके अलावा पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस, ओडिशा की विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश के विपक्षी दल वाईएसआर-कांग्रेस के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल होने वाले हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से प्रेस रिलीज जारी कर दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के बारे में चल रही खबरों पर सफाई दी गई है। इस रिलीज में सुप्रीम कोर्ट ने यह माना है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से जस्टिस वर्मा के मामले पर रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अपने स्तर पर जानकारियां जुटा रहे हैं और वह 21 मार्च की शाम तक अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप देंगे।

इस रिलीज में यह भी कहा गया है की दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के अलावा खुद जस्टिस वर्मा से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। इन जवाबों को देखने के बाद और दूसरे तथ्यों को परखने के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम इस बारे में आगे कोई प्रस्ताव पारित करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने का प्रस्ताव इस आंतरिक जांच से अलग की प्रक्रिया है। चूंकि, यह घटना दिल्ली में हुई है, ऐसे में उन्हें यहां पद पर बनाए रखना सही नहीं होगा।

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