नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में हुए खालिस्तानी हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़े शब्दों में निंदा की है। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी हरकतों से भारत के संकल्प नहीं टूटेंगे। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही उम्मीद जताई कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो इस मामले में पॉजिटिव कदम उठाएंगे। कनाडा और भारत के बीच जारी विवाद पर ये प्रधानमंत्री मोदी का पहला बयान है।
भारत के संकल्प कभी नहीं होंगे कमजोर: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कामों से भारत के संकल्प कभी कमजोर नहीं होंगे। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी। साथ ही कानून का शासन कायम रखेगी।" रविवार को कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू सभा मंदिर में आए लोगों पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला कर दिया था।
खालिस्तान समर्थक हमलावरों के हाथों में खालिस्तानी झंडे थे। हमलावरों ने मंदिर में मौजूद लोगों पर लाठी-डंडे बरसाए। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। पील रीजनल पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने लोगों से शांति की अपील की है।
जस्टिन ट्रूडो बोले- मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा, "ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।"
भारत ने भी जताई चिंता
इस बीच कनाडा में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ और मारपीट की घटना पर भारत ने भी चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम कट्टरपंथियों और अलगाववादियों की तरफ से हिंदू सभा मंदिर में फैलाई गई हिंसा की निंदा करते हैं।"
रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम कनाडा की सरकार से ऐसे सभी पूजास्थलों की रक्षा करने की अपील करते हैं। हमें उम्मीद है कि जो लोग इस हमले में शामिल थे, उन्हें सजा दी जाएगी। भारतीयों और कनाडाई नागरिकों को सेवा के लिए मौजूद हमारे कांसुलर अधिकारी धमकी, उत्पीड़न या हिंसा से डरने वाले नहीं हैं।"
इंडियन हाई कमीशन ने जारी किया बयान
ओटावा में इंडियन हाई कमीशन ने इसे लेकर बयान भी जारी किया है। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में भारत विरोधी तत्वों ने हिंसा की। हाई कमीशन ने कहा, "हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए बेहद चिंतित हैं।"
बता दें कि कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया है। इससे भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी हमले पर कनाडाई सांसद की वॉर्निंग
आपको बता दे कि कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर परिसर में खालिस्तानी चरमपंथियों की ओर से हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला करने की घटना की कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने निंदा की है। उन्होंने इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने लाल रेखा पार कर ली है, जो हिंसक उग्रवाद के उदय को उजागर करता है।
आर्य ने एक्स पर हमले का एक वीडियो साझा किया और लिखा, "आज कनाडाई खालिस्तानी चरमपंथियों ने एक लाल रेखा पार कर ली है। ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के परिसर के अंदर हिंदू-कनाडाई भक्तों पर खालिस्तानियों की ओर से किया गया हमला दिखाता है कि कनाडा में खालिस्तानी उग्रवाद कितना हिंसक और बेशर्म हो गया है।"
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के कानूनों का लाभ उठाने का लगाया आरोप
उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सच्चाई है कि कनाडा के राजनीतिक तंत्र के अलावा खालिस्तानियों ने हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में भी घुसपैठ कर ली है।"
कनाडाई सांसद ने आगे चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कानूनों का लाभ उठा रहे हैं और उन्हें ये सब करने का फ्री पास मिल रहा है।
हिंदू समुदाय के लोगों से की ये खास अपील
आर्य ने आगे कहा कि जैसा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं, हिंदू-कनाडाई लोगों को अपने समुदाय की सुरक्षा और संरक्षा के लिए आगे आना चाहिए और अपने अधिकारों का दावा करते हुए राजनेताओं को जवाबदेह ठहराना चाहिए।"
पहले भी कई बार हुए हैं कनाडा में मंदिरों पर हमले
आर्य पहले भी कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों को उठा चुके हैं। जुलाई में आर्य ने हिंदू-कनाडाई समुदायों पर निर्देशित हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। एक पोस्ट में तब उन्होंने लिखा था, "एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में फिर से तोड़फोड़ की गई है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान, ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा के अन्य स्थानों में हिंदू मंदिरों को नफरत से तोड़ दिया जा रहा है।" पिछले साल, विंडसर में एक हिंदू मंदिर को क्षतिग्रस्त किया गया था, जिसकी व्यापक निंदा हुई और कनाडाई और भारतीय दोनों अधिकारियों ने कार्रवाई की मांग की थी। मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में पहले की घटनाओं में भी मंदिरों को इसी तरह निशाना बनाया गया था, जिस पर कनाडा में भारतीय समुदाय की ओर से कड़ी प्रतिक्रियाएं आई थीं।