ताज़ा खबरें
केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक से दिल्ली हाईकोर्ट का इंकार
गौतम अडानी पर रिश्वत देने, धोखाधड़ी के आरोप, यूएस में मामला दर्ज

रांची (जनादेश ब्यूरो): झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों का प्रचार अभियान तेजी से जारी है। प्रदेश में चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है नेताओं के बीच जुबानी हमले तेज होते जा रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के समान नागरिक सहिंता (यूसीसी) और एनआरसी के मुद्दे पर दिए बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने साफ तौर से कहा कि झारखंड में यूसीसी और एनआरसी नहीं चलेगा।

बीजेपी का काम देश और समाज को बांटना: हेमंत सोरेन

जेएमएम नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, ''समाज को तोड़ने की सोच रखने वाली बीजेपी की कोई दाल गलने नहीं दिया जाएगा. झारखण्ड में सिर्फ सीएनटी/एसपीटी/पीईएसए चलेगा। कोई यूसीसी और एनआरसी नहीं चलेगा।'' ये कभी एनआरसी तो कभी यूसीसी लगाने की बात करते हैं। हमने भी कहा है कि यहां यूसीसी और एनआरसी की कोई बात नहीं होगी। यहां सिर्फ बात होगी तो छोटा नागपुर काश्तकारी (सीएनटी), संथाल परगना काश्तकारी (एसपीटी) या पीईएसए कानून की बात होगी।

मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, कैसे देश को तोड़ो, कैसे देश और समाज को बांटो। इनका यही कार्य होता रहता है। ये लोग जहर उगल रहे हैं और उन्हें आदिवासियों, मूल निवासियों, दलितों या पिछड़े समुदायों की कोई परवाह नहीं है।''

इसके साथ ही सीएम सोरेन ने बीजेपी की तुलना 'सूखते हुए पेड़' से की और उसे उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का लक्ष्य खनिज संपदा के लिए स्थानीय निवासियों को विस्थापित करना है।

गृहमंत्री अमित शाह ने यूसीसी पर क्या कहा?

इससे पहले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बीजेपी का घोषणापत्र जारी करते समय हेमंत सोरेन की सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार झारखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करेगी, लेकिन आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सरकार यह झूठा प्रचार कर रही है कि समान नागरिक संहिता आदिवासी अधिकारों, संस्कृति और संबंधित कानून को प्रभावित करेगी।''

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री शाह ने जोर देकर कहा कि समान नागरिक संहिता भले ही लागू की जाएगी, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आदिवासियों के अधिकार प्रभावित न हों। बता दें कि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 13 और 20 नवंबर को दो फेज में वोटिंग होगी जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख