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नई दिल्लीः कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जमकर हमला बोला और राहुल गांधी ने लोगों से अनुरोध किया कि वे उन लोगों को दिल्ली से उखाड़ फेंकें जो किसानों की राह में कीलें बिछा रहे हैं क्योंकि ऐसे लोग भरोसे के लायक नहीं हैं। किसानों के 13 फरवरी को प्रस्तावित 'दिल्ली चलो' मार्च से पहले शहर की सीमा के पास कुछ स्थानों पर सड़कों पर बैरिकेडिंग करने और कीलें बिछाने की खबर को लेकर कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ हमलवार दिखी।

किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में मार्च करने से रोकने के लिए सड़कों पर बिछाई गई कीलों और कई बैरिकेड्स लगाए जाने का एक वीडियो ‘एक्स‘ पर साझा करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि किसानों के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है। ‘एक्स‘ पर हिंदी में किये गये एक पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा, "मोदी, जो दिन-रात 'झूठ की खेती' करते हैं, ने पिछले 10 वर्षों में किसानों को केवल धोखा दिया है। उनकी आय दोगुनी करने का वादा करके मोदी ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पाने के लिए भी संघर्ष कराया।

उन्होंने कहा, उनके कारण फसलों का उचित दाम न मिलने और महंगाई के बोझ तले दबे होने के कारण किसानों का कर्ज 60 फीसदी तक बढ़ गया।"

उन्होंने कहा कि ‘"इसका नतीजा यह हुआ कि हर दिन करीब 30 किसानों की जान चली जाती है।" राहुल गांधी ने कहा ‘जिसकी 'यूनीक सेलिंग प्वाइंट' (यूएसपी) यानि पहचान धोखेबाजी हो, वह एमएसपी के नाम पर किसानों के साथ राजनीति कर सकता है, न्याय नहीं।" राहुल गांधी ने कहा, "जो लोग किसानों की राह में कीलें बिछाते हैं, वे भरोसे के लायक नहीं हैं, उन्हें दिल्ली से उखाड़ फेंकिए। कांग्रेस किसानों को न्याय और लाभ दिलाएगी।"

एक अधिकारी ने यहां बताया कि 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर रविवार को दिल्ली के उत्तरपूर्वी जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई, जो बड़ी सभाओं पर रोक लगाती है। लगभग 200 किसान संघों द्वारा आयोजित प्रदर्शन के तहत उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से बड़ी संख्या में किसानों के मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने की उम्मीद है।

प्रियंका गांधी ने हिंदी में किये गये अपने पोस्ट में कहा, "किसानों की राह में कांटे-कीलें बिछाना ‘अमृतकाल‘ है या ‘अन्यकाल‘? इस असंवेदनशील और किसान विरोधी रवैये के कारण 750 किसानों की जान चली गई। किसानों के खिलाफ काम करना और उन्हें आवाज तक नहीं उठाने देना, किस तरह की सरकार ऐसा करती है?" उन्होंने कहा, "किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए, न एमएसपी कानून बनाया गया और न ही किसानों की आय दोगुनी की गई। अगर किसान अपने ही देश में सरकार के पास नहीं पहुंचेंगे तो कहां जाएंगे।"

कांग्रेस नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री जी! देश के किसानों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों? आप किसानों से किए गए वादे पूरे क्यों नहीं करते।"

पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर) जॉय टिर्की द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, किसानों के अपनी मांगें पूरी होने तक दिल्ली की सीमाओं पर बैठने की संभावना है।

आदेश में कहा गया है, "अतीत में विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों ने जिस तरह का व्यवहार और अड़ियल रुख दिखाया है, उसके मद्देनजर ट्रैक्टर/ट्रॉलियों/हथियारों के साथ अपने-अपने जिलों से किसानों/समर्थकों के दिल्ली आने की संभावना है। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और अन्य संभावित क्षेत्रों से भी किसान आएंगे।"

कई किसान संघों, जिनमें ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से हैं, ने अपनी उपज के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाने की मांग को लेकर 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो‘ मार्च का आह्वान किया है। यह मांग किसानों की उन शर्तों में से एक है, जिसे उन्होंने वर्ष 2021 में अपना आंदोलन वापस लेने पर सहमति व्यक्त करते समय निर्धारित किया था।

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