नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (8 जनवरी) को बिलकिस बानो को बड़ी राहत देते हुए गुजरात सरकार के फैसले को गलत करार दिया। कोर्ट ने 2002 के दंगों के दौरान बानो से गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा से छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। इसको लेकर ऑल इंडिया मंजिल ए मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि केंद्र और गुजरात की बीजेपी सरकार बानो से माफी मांगें।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि न्याय की जीत हुई। साथ ही पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। इसके अलावा अन्य विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका असली चेहरा सामने आ गया है।
जस्सिट बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वल भूइयां की बेंच ने दोषियों को दो हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश देते हुए कहा कि गुजरात सरकार का आदेश सही नहीं था।
कोर्ट ने कहा, ‘‘कानून के शासन का उल्लंघन हुआ है क्योंकि गुजरात सरकार ने उन अधिकारों का इस्तेमाल किया जो उसके पास नहीं थे और उसने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया। उस आधार पर भी सजा से माफी के आदेश को रद्द किया जाना चाहिए।’’
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बानो के कुछ रिश्तेदारों ने गुजरात के दाहोद जिले के देवगढ़ बारिया शहर में पटाखे जलाए। बानो के कुछ रिश्तेदार देवगढ़ बारिया में रहते हैं।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लेकर कहा कि मैं इस साहसिक फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट की आभारी हूं।
चुनावी फायदे के लिए न्याय की हत्या हुई: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि चुनावी फायदे के लिए न्याय की हत्या हुई। उन्होंने कहा, ''चुनावी फायदे के लिए न्याय की हत्या की प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरनाक है। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर देश को बता दिया कि अपराधियों का संरक्षक कौन है। बिलकिस बानो का अथक संघर्ष, अहंकारी बीजेपी सरकार के विरुद्ध न्याय की जीत का प्रतीक है।'' वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि बीजेपी की सच्चाई सामने आ गई।
कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्हें छुपने की जगह नहीं मिल रही। पार्टी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ''बीजेपी ने जिस तरह बलात्कारियों को बचाने की प्रक्रिया अपनाई थी, अब उन्हें मुंह छिपाने की जगह नहीं मिल रही है। बीजेपी का असली चेहरा सामने आ गया है। जेल में रहते हुए भी इन सभी दोषियों को केंद्र और राज्य सरकार ने सहूलियत दे रखी थीं, लेकिन पाप इतनी आसानी से ना निपटता है और ना ही आसानी से छिपता है।'' उन्होंने बीजेपी से माफी मांगने को कहा।
बिलकीस बानो से माफी मांगें बीजेपी सरकार: ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. ओवैसी ने कहा, “गुजरात की बीजेपी सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार ने बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में इन दोषियों को रिहा करने में मदद की है। यही वजह है, मैं मांग करता हूं कि गुजरात में बीजेपी सरकार और केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को बिलकीस बानो से माफी मांगनी चाहिए।”
आरजेडी ने हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के लिए ये शर्म की बात है। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''सुप्रीम कोर्ट का आदेश बीजेपी के लिए शर्म की बात है। बीजेपी का ये ही चरित्र है। बीजेपी को माफी मांगनी चाहिए।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन की जेएमएम ने भी बीजेपी पर हमला किया। जेएमएम की सांसद महुआ माजी ने कहा, ''इससे साफ होता है कि बीजेपी ने शक्ति का गलत इस्तेमाल किया। इससे बीजेपी का चेहरा साफ हो गया है।''
बिनकिस बानो गैंगरेप के समय 21 साल की थीं और पांच माह की गर्भवती थीं। रेप में शामिल सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने सजा में छूट देते हुए 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया था।
बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद के पास रंधीकपुर गांव में बिलकिस बानो के परिवार पर हिंसक भीड़ ने हमला कर दिया। इस दौरान बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, जबकि उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। मामले में विशेष अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को 11 लोगों को दोषी ठहराया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। फिर मई 2017 में बंबई हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा बरकरार रखी। गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत 15 अगस्त, 2022 को सभी को रिहा कर दिया।