नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने जहाज एमवी केम प्लूटो के मुंबई बंदरगाह पहुंचने के बाद उसका शुरुआती निरीक्षण किया और कहा कि उस पर भारत के पश्चिमी तट के पास ड्रोन हमला हुआ। लेकिन हमला कहां से हुआ और इसके लिए कितनी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, यह फॉरेंसिक और तकनीकी जांच के बाद ही पता चल पाएगा। भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने अरब सागर में ड्रोन हमले का सामना करने वाले लाइबेरिया के ध्वज वाले व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो के सोमवार को मुंबई पहुंचने पर उसका विस्तृत निरीक्षण किया।
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने रविवार को कहा था कि एमवी केम प्लूटो ‘‘ईरान की ओर से छोड़े गए ड्रोन हमले'' की चपेट में आया। अधिकारियों ने कहा कि वाणिज्यिक जहाजों पर हाल के हमलों के मद्देनजर, नौसेना ने क्षेत्र में अपनी प्रतिरोधक उपस्थिति बनाए रखने के लिए युद्धपोत आईएनएस मोर्मुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8आई को भी लगाया गया है।
शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज पर एक ड्रोन हमला किया गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता प्रदान करने के लिए कई पोत तैनात किये।
जहाज अपराह्न साढे तीन बजे मुंबई तट पर पहुंचा। मुंबई के रास्ते में भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम ने उसे सुरक्षा प्रदान की।
नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जहाज के पहुंचने पर भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने हमले का प्रकार और प्रकृति का प्रारंभिक आकलन करने के लिए जहाज का निरीक्षण किया। हमले के क्षेत्र और जहाज पर मिले मलबे का निरीक्षण करने से संकेत मिलता है कि यह ड्रोन हमला था।''
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमले के प्रकार और इसमें इस्तेमाल विस्फोटक की मात्रा का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होगी।''
प्रवक्ता ने कहा कि विस्फोटक आयुध रोधी दल द्वारा जहाज का विश्लेषण पूरा करने के बाद विभिन्न एजेंसियों ने संयुक्त जांच शुरू की।
अधिकारी ने बताया कि अरब सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर क्षेत्र में तीन निर्देशित मिसाइल विध्वंसक तैनात किए गए हैं।