नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा के अंदर दो व्यक्ति प्रवेश कर गए। संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया और इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से सदन में प्रतिक्रिया देने की मांग की। सदन में विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए अनुचित व्यवहार की वजह से 143 सांसदों को निलंबित किए गए।
इसके बाद संसद परिसर के मकर मार्ग पर विपक्षी सांसदों द्वारा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का नकल उतारे जाने का मामले में भी जमकर हंगामा हुआ। इन मु्द्दों पर बातचीत के लिए जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को आज अपने आवास पर आमंत्रित किया था। हालांकि, कांग्रेस नेता ने कहा कि कहा कि वह उनसे आज नहीं मिल पाएंगे क्योंकि वह इस समय दिल्ली से बाहर हैं।
खड़गे ने अपने पत्र में लिखा कि मुझे 23 दिसंबर को आपकी चिट्ठी मिली। मैं दिल्ली से बाहर हूं इसलिए मैं आपसे नहीं मिल सकता।
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा के एमपी मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर कहा कि वह उनसे आज नहीं मिल पाएंगे क्योंकि वह इस समय दिल्ली से बाहर हैं। पत्र में यह भी लिखा है, "सभापति सदन का संरक्षक होता है और उसे सदन की गरिमा बनाए रखने, संसदीय विशेषाधिकारों की रक्षा करने में सबसे आगे रहना चाहिए।
जगदीप धनखड़ की कार्यशैली से नाराज हुए खड़गे
यह दुखद होगा जब इतिहास बिना बहस के पारित किए गए विधेयकों और सरकार से जवाबदेही न मांगने के लिए पीठासीन अधिकारियों को कठोरता से मूल्यांकन करेगा। खड़गे ने सदन से निलंबित किए गए सांसदों को लेकर जगदीप धनखड़ की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए।
विपक्षी सांसदों के निलंबन पर खड़गे ने लिखी थी धनखड़ को चिट्ठी
बता दें कि कुछ दिनों पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने जगदीप धनखड़ को चिट्ठी लिखकर इतने बड़े पैमाने पर सांसदों का निलंबन पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि वह इतने अधिक सांसदों के निलंबन से दुखी एवं व्यथित हैं। हताश एवं निराश महसूस कर रहे हैं।
इसके बाद धनखड़ ने पत्र के जवाब में कहा कि पूरे सत्र के दौरान कभी मैंने सदन के अंदर आग्रह किया तो कभी पत्र लिखकर आपसे संवाद और परामर्श करने का अनुरोध किया। आपसे बातचीत करने के लिए किया गया मेरा हर प्रयास असफल रहा। उन्होंने आज शाम 4 बजे अपने उपराष्ट्रपति निवास पर मिलने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को आमंत्रित किया था।