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नई दिल्‍ली (जनादेश ब्यूरो): मणिपुर में सक्रिय उग्रवादी समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएलएलएफ) ने बुधवार को सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये और हिंसा त्यागने पर सहमति जताई। यूएनएलएफ मणिपुर की इंफाल घाटी में सक्रिय सबसे पुराना सशस्त्र समूह है। अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है।

अमित शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गयी... पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है, क्योंकि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने आज नयी दिल्ली में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।"

अमित शाह ने कहा, "मणिपुर की घाटी में सक्रिय सबसे पुराना सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा त्याग कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है। मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं और शांति और प्रगति के पथ पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"

अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार और मणिपुर सरकार द्वारा यूएनएलएफ के साथ किया गया शांति समझौता छह दशक लंबे सशस्त्र संघर्ष के अंत का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सर्व-समावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।"

मिजोरम में पीएम मोदी एक भी जनसभा नहीं कीगौरतलब है कि पांच राज्यों के चुनाव संपन्न होने के बाद केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर राज्य में सरकार की उपलब्धी के तौर पर मणिपुर के एक सशस्त्र उग्रवादी गुट के साथ शांति समझौते को अमलीजामा पहनाया है। ​मणिपुर पिछले कई महीनों से जातीय हिंसा का शिकार है। हिंसा में सैंकड़ों मौत हो चुकी हैं। हाल में संपन्न पांच राज्यों के चुनाव में पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में भी चुनाव था। पीएम मोदी ने चार राज्यों में 40 से ज्यादा जनसभाओं के अलावा कई रोड़ शो किये। लेकिन पूर्वोत्तर के चुनावी राज्य मिजोरम में एक भी जनसभा नहीं की।

पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र सरकार की उपलब्धियां

सरकार ने पूर्वोत्तर की उपलब्धियों के बखान के लिए कुछ आंकड़े भी जारी किये है। जिनके मुताबिक, 2014 से अब तक 8,000 से अधिक उग्रवादी सरेंडर कर चुके हैं।

समझौतों से समाधान तक (कुल 09 महत्वपूर्ण शांति समझौते):- एएनवीसी समझौता(2014), एनएलएफटी/एसडी समझौता (2019), ब्रू समझौता (2020), बोडो समझौता(2020), कार्बी समझौता (2021), अफ्स्पा की परिधि में कमी।

असम में अब 70% से अधिक क्षेत्र अफ्स्पा से मुक्त हो चुका हैं।

मणिपुर के 7 जिलों के 19 पुलिस स्टेशनों को अशांत क्षेत्र की परिधि से बाहर किया गया है।

अरूणाचल प्रदेश में अब केवल 3 जिलों और 1 अन्‍य जिले के 3 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में अफ्स्पा बचा है।

नागालैंड में 8 जिलों के 18 पुलिस स्टेशनों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटाया गया।

त्रिपुरा और मेघालय: यहां से अफ्स्पा पूरी तरह से हटा लिया गया।

 मणिपुर में शांति और प्रगति का एक नया युग शुरू हुआ:  मुख्यमंत्री 

इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, "आज नयी दिल्ली में यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी के कुशल नेतृत्व में संभव हुआ।" मुख्यमंत्री ने कहा, "उनके निरंतर मार्गदर्शन से, मणिपुर में शांति और प्रगति का एक नया युग शुरू हुआ है। कई लोग भाजपा सरकार के प्रति अपना भरोसा और विश्वास बढ़ा रहे हैं, जिससे अब विकास और प्रगति का एक अध्याय खुल गया है।"

 

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