नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): अमेरिका में एक खालिस्तान उग्रवादी की कथित तौर पर हत्या की साजिश में भारतीय नागरिक के शामिल होने के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे इनपुट को हम गंभीरता से लेते हैं। जांच समिति पहले से ही बनाई गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ये कंसर्न का विषय है। ये गंभीर विषय है।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को कहा कि भारत ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं पर गौर करने के लिए 18 नवंबर को एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है।
वाशिंगटन पोस्ट अखबार ने बुधवार को प्रकाशित खबर में बताया कि अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश का पता चलने के बाद बाइडन प्रशासन इतना चिंतित था कि उसने सीआईए निदेशक विलियम जे बर्न्स और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स को क्रमशः अगस्त और अक्टूबर में जांच की मांग करने और इसमें संलिप्त लोगों की जवाबदेही तय करने के लिए भारत भेजा।
इसके जवाब में मीडिया से बात करते हुए बागची ने कहा, ‘‘हम पहले ही कह चुके हैं कि द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ जानकारी साझा की थी।" उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमने यह भी संकेत दिया था कि भारत ऐसी सूचनाओं को गंभीरता से लेता है क्योंकि वे हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी प्रभाव डालती हैं। संबंधित विभाग पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं।"
ट्रूडो ने भी भारत को घेरा
इधर अमेरिका की ओर से इस तरह के दावे किए जाने के बाद कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर भारत को घेरा है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह का दावा अमेरिका ने किया है, इसी तरह की बातें हम शुरू से कह रहे हैं। भारत को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को हमारे साथ काम करने की जरूरत है, ताकि इसकी तह तक पहुंचा जा सके।
इस पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उच्च स्तरीय जांच समिति पहले से ही बनाई गई है। कनाडा सरकार से आशा है कि वियना कन्वेंशन के तहत वो व्यवहार करें।
अमेरिका ने लगाया है हत्या की साजिश का आरोप
आपको बता दें कि अमेरिका ने भी भारत के एक नागरिक पर एक खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि एक अलगाववादी नेता और अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। अमेरिकी वकील डेमियन विलियम्स ने कहा, "प्रतिवादी (निखिल) ने भारत से न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की साजिश रची।"
अमेरिकी अंडरकवर एजेंट को दी थी हत्या की सुपारी
अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया कि न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता की हत्या से जुड़े आरोपों को निखिल ने स्वीकार किया है. निखिल ने जिस हत्यारे को सुपारी दी थी, वह वास्तव में अमेरिकी खुफिया एजेंसी का अंडरकवर एजेंट था. उसने हत्यारे को एक लाख अमेरिकी डॉलर( करीब 83 लाख रुपये) देने की बात स्वीकार कर ली है. दावा है कि हत्या के लिए 12 लाख 50 हजार 217 रुपये का अग्रिम भुगतान भी किया गया था।
भारत ने जांच के लिए बनाई समिति
बुधवार (29 नवंबर) को अमेरिका की ओर से यह दावा किए जाने के बाद भारत ने इस मामले पर गंभीर चिंता जताई. इसके बाद भारत ने कहा कि उसने अमेरिकी धरती पर अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश से जुड़े मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई है।