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वाशिंगटन: अमेरिका में बुधवार (29 नवंबर) को संघीय अभियोजकों ने एक भारतीय पर एक सिख अलगाववादी की अमेरिकी धरती पर हत्या की नाकाम साजिश रचने का आरोप लगाया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू जी ऑलसेन ने कहा कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता पर सुपारी देकर हत्या का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल कारावास की सजा हो सकती है, साथ ही सुपारी देकर हत्या करने की साजिश रचने के आरोप में भी अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है।

भारतीय नागरिक पर लगाए गए आरोप में क्या कहा गया?

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि गुप्ता ने न्यूयॉर्क शहर में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता की हत्या के लिए हत्यारे को एक लाख अमेरिकी डॉलर देने की बात स्वीकार कर ली है। आरोपों के अनुसार, ''नौ जून 2023 या उसके आसपास गुप्ता ने हत्या के लिए सुपारी दी थी, जिसके अग्रिम भुगतान के रूप में उन्होंने न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में हत्यारे को 15 हजार अमेरिकी डॉलर नकद देने के लिए एक सहयोगी की भी व्यवस्था की थी।''

क्यों सुर्खियों में गुरपतवंत सिंह पन्नू?

मुकदमे में अमेरिकी नागरिक का नाम नहीं दिया गया है। लेकिन द फाइनेंशियल टाइम्स ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए पिछले हफ्ते एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन के गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को विफल करने की बात कही थी। साथ ही खबर में हत्या की साजिश में संदिग्ध रूप से शामिल होने को लेकर भारत सरकार को चेतावनी भी जारी की गई थी।

न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के अटॉर्नी डेमियन विलियम्स ने एक बयान में कहा कि जैसा कि आरोप लगाया गया है कि प्रतिवादी ने भारत से यहीं न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची, जिसने सार्वजनिक रूप से भारत में सिखों के लिए एक संप्रभु राज्य की स्थापना की वकालत की है।

'अमेरिकी नागरिकों की हत्या के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे'

विलियम्स ने यह भी कहा कि उनके कार्यालय और कानून प्रवर्तन भागीदारों ने इस घातक और अपमानजनक खतरे को बेअसर कर दिया। उन्होंने कहा, ''हम अमेरिकी धरती पर अमेरिकी नागरिकों की हत्या के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और यहां या विदेश में अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाने और चुप कराने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति की जांच करने, उसे विफल करने और मुकदमा चलाने के लिए तैयार हैं।''

अभियोजकों ने कहा कि चेक अधिकारियों ने अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत 30 जून, 2023 को गुप्ता को गिरफ्तार किया था और हिरासत में लिया था। यह साफ नहीं हो सका है कि गुप्ता को अमेरिका में कब प्रत्यर्पित किया जा सकता है।

भारत ने संबंधित आरोपों की जांच के लिए गठित की उच्च स्तरीय जांच समिति

यह घटनाक्रम उस दिन हुआ जब भारत ने कहा कि उसने अमेरिकी धरती पर सिख चरमपंथी को मारने की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है।

बुधवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए और भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है क्योंकि वे हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी प्रभाव डालते हैं और संबंधित विभाग इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं पर गौर करने के लिए 18 नवंबर को एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया था।

 

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