नई दिल्ली: रघुराम राजन के बाद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अब केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यन को हटाने की मांग की है। स्वामी ने आरोप लगाया है कि जीएसटी पर कांग्रेस को अपनी धाराओं पर अड़े रहने के लिए अरविंद ने ही उत्साहित किया है।उनका यह भी आरोप है कि अमेरिकी दवा कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए अरविंद सुब्रह्मण्यन ने ही अमेरिका को भारत के खिलाफ मार्च 2013 में कार्रवाई के लिए कहा था। सूत्रों के मुताबिक, अरविंद सुब्रह्मण्यन का नाम आरबीआई गवर्नर के लिए भी चल रहा है। इन नामों में अरुंधति भट्टाचार्य, उर्जित पटेल, विजय केलकर, राकेश मोहन, अशोक लाहिड़ी, सुबीर गोकर्ण और अशोक चावला का नाम भी शामिल है। स्वामी ने बातचीत में कहा, ये अमेरिका में काम करते थे। अमेरिकन कांग्रेस भारत के रुख को लेकर सुनवाई कर रही थी। उसमें इन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के अनुकूल नहीं चल रहा है। हमें उन्हें सबक सिखाने के लिए डब्लूटीओ में अड़ंगा डालना चाहिए। इस तरह के व्यक्ति को सलाहकार बना रहे हैं। वे यहां आकर वित्तमंत्री को सलाह दे रहे हैं कि कांग्रेस जीएसटी को लेकर जो सलाह दे रही है उसे मान लेना चाहिए। ऐसे लोग हमारी पार्टी की सरकार को फेल कर सकते हैं। उन्हें हमें नहीं रखना चाहिए। स्वामी के इस हमले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह अरविंद पर नहीं वित्तमंत्री अरुण जेटली पर निशाना साध रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या वह वित्त मंत्रालय स्वामी को सौंप रहे हैं।
उन्होंने कहा, सुब्रमण्यम स्वामी अब राजग के आर्थिक सलाहकार अरविंद पर निशाना साध रहे हैं। लक्ष्य अरुण जेटली हैं अरविंद नहीं। उन्होंने कहा, क्या पीएम मोदी वित्त मंत्रालय सुब्रमण्यम स्वामी को सौंप रहे हैं। सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, वह दावा करते रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया है कि यदि वह नेहरु-गांधी परिवार पर निशाना साधते हैं तो उन्हें बदले में कुछ मिलेगा। स्वामी ने इससे पहले राजन पर तीखा प्रहार किया था जिन्होंने पिछले सप्ताह यह घोषणा की कि 4 सितंबर को आरबीआई गनर्वर का कार्यकाल समाप्त होने पर शिक्षा के क्षेत्र में वापस लौट आएंगे। स्वामी ने कहा था कि राजन इस पद के योग्य नहीं हैं और वह मानसिक रूप से पूरी तरह भारतीय नहीं हैं।