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नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के दूसरे कार्यकाल से इनकार को लेकर सरकार और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर रविवार को भी जारी रहा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राजन को हटाने के लिए संघ और भाजपा के कुछ मंत्री लांबिंग कर रहे थे। वहीं, भाजपा सांसद और राजन के धुर विरोधी सुब्रमण्यम स्वामी पलटवार करते हुए कहा कि मौजूदा गवर्नर कांग्रेस के एजेंट हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि राजन ने क्यों दूसरा कार्यकाल लेने से इनकार किया। लेकिन जिस तरीके से भाजपा के प्रवक्ताओं, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामण,सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और आरएसएस ने उनके खिलाफ लाॠबिंग की। वह दुखद है। उन्होंने कहा कि इससे दुनियाभर में भारत के प्रति गलत संदेश जाएगा। मोइली ने कहा कि मौजूदा सरकार राजन के स्तर के व्यक्ति की सेवाएं लेने की हकदार नहीं है। राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा,पिछले कुछ दिनों में जिस तरह की बातें की गईं उससे कोई भी नैतिकता वाला व्यक्ति यही करता। इस बीच, स्वामी ने पलटवार करते हुए रविवार को कहा कि वर्ष 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से राजन कांग्रेस के एजेंट की तरह काम कर रहे थे। स्वामी की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के उस बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने राजन द्वारा दूसरे कार्यकाल के लिए इनकार करने पर दुख जताया था। उन्होंने कहा कि आजाद के बयान से उनकी आशंका सच साबित हुई है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सरकार राजन प्रकरण और अन्य नियुक्तियों को लेकर सरकार पर तंज कसा है।

उन्होंने रविवार को ट्वीट किया इस सरकार की पसंद- गजेंद्र चौहान से लेकर चेतन चौहान तक को देखते हुए यह कहा जा सकता कि सरकार विजय माल्या को आरबीआई गवर्नर नियुक्त कर सकती है, उनके पास बैंकिंग प्रणाली का गहरा अनुभव है।

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