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नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा बुलाई गई उत्तर प्रदेश के सांसदों की एक बैठक से वरुण गांधी के दूर रहने पर पार्टी में जुबानी जंग छिड़ गई है। वरुण यहां भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शरीक होने आए थे लेकिन लोकसभा सांसदों की बैठक से गैर हाजिर रह कर उन्होंने अपनी ओर ध्यान आकृष्ट किया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य नेता शरीक हुए। इस बारे में पूछे जाने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने बताया, राज्य में हमारे 70 से अधिक सांसद हैं और उनमें से 13 शरीक नहीं हो सकें। यह उनकी ओर से किसी नाराजगी के चलते नहीं हुआ बल्कि उनके निजी कारण थे। मौर्या फूलपुर से सांसद हैं। उन्होंने कहा कि बैठक शांतिपूर्ण ढंग से और बगैर किसी तनाव के हुई और इसमें मोदी तथा कई केंद्रीय मंत्री शरीक हुए। दूसरी बार सांसद बने वरुण की बैठक में गैर मौजूदगी ने इन अटकलों को पैदा किया है कि वह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक प्रमुख भूमिका दिए जाने में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के अनिच्छुक रहने के चलते नाराज हैं। साल 2013 में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर उन्हें इस पद पर आसीन होने वाला सबसे युवा व्यक्ति बनाया था। हालांकि, जब शाह ने अध्यक्ष का पदभार संभाला और सिंह केंद्रीय कैबिनेट में चले गए तब वरूण को इस पद से वंचित कर दिया गया। इस बीच, बिहार से भाजपा सांसद शत्रुघ्‍न सिन्हा ने मंगलवार को उस वक्त वरुण का बचाव किया जब पार्टी के कई सहकर्मियों ने उनकी आलोचना की।

सिन्हा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में वरूण के लिए कथित तौर पर अपना समर्थन जाहिर किया था। सिन्हा ने कहा, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मैंने जो कुछ कहा उस पर अडिग हूं। और मुझे स्पष्ट करने दीजिए, मैंने कभी नहीं कहा कि यह सिर्फ वरूण होने चाहिए। मेरी बात यह है कि किसी को भी नामित कर दीजिए चाहे वह वरुण हों या योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह या केशव मौर्या। लेकिन कृपया लोगों को यह बताइये कि यदि पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा। वह इलाहाबाद से सांसद श्यामा चरण गुप्ता के बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। गुप्ता ने सिन्हा के मुखर रूख की खबरों पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा था, वह बिहार से सांसद हैं। यूपी की राजनीति पर टिप्पणी करने वाले वह होते कौने हैं। सिन्हा ने दावा किया कि वह इस बात तक से अवगत नहीं हैं कि गुप्ता उत्तर प्रदेश के सांसद हैं। सिन्हा ने कहा, लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात या विचार कहने का अधिकार है। मैंने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया है। औरों को भी यह करने दीजिए।

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