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नई दिल्ली: तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद अपनी पहली दिल्ली यात्रा पर आईं राज्य की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने आज (मंगलवार) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कावेरी प्रबंधन बोर्ड तथा एक जल नियमन समिति के गठन समेत अन्य चीजों की मांगों वाला एक ज्ञापन उन्हें सौंपा। प्रधानमंत्री के रेसकोर्स रोड स्थित आवास पर हुई मुलाकात के दौरान जयललिता ने उन्हें 29 पन्नों का ज्ञापन सौंपा जिसमें मुल्लापेरियार बांध का जल स्तर फिर से 152 फुट करने की मांग की गयी है। ज्ञापन में नदियों को जोड़ने, कच्चातिवू द्वीप को पुन: प्राप्त करने और मछुआरों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने की मांगें भी सूचीबद्ध थीं। जयललिता ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार जीएसटी के क्रियान्वयन से संबंधित मुद्दों पर राज्य की शिकायतों पर ध्यान दे। ज्ञापन में राज्य सरकार ने कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की इकाई 2 में जल्द काम शुरू कराने का भी अनुरोध किया। आज दोपहर में राजधानी पहुंची जयललिता ने अपनी पार्टी के 50 सांसदों से मुलाकात की और उसके बाद मोदी के आवास की ओर रवाना हो गयीं। उनके साथ लोकसभा उपाध्यक्ष एम थांबिदुरई, विशेष सलाहकार शीला बालाकृष्णन और मुख्य सचिव राम मोहन राव भी थे।

जयललिता ने केंद्र से अपने राज्य में एक एम्स स्थापित करने और एनईईटी से संबंधित मुद्दों का समाधान करने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने जो मांगें प्रधानमंत्री से की हैं, उनमें श्रीलंकाई तमिलों का मुद्दा, जल्लीकट्टू के आयोजन पर लगी पाबंदी को उठाने और तमिल को एक आधिकारिक भाषा घोषित करने की मांगें शामिल हैं। वह तमिल को मद्रास उच्च न्यायालय की भाषा के तौर पर उपयोग में लाने की अनुमति दिये जाने का फैसला भी चाहती हैं। शाम को केंद्रीय मंत्रियों निर्मला सीतारमण और पी राधाकृष्णन ने उनसे तमिलनाडु भवन में मुलाकात की।

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