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नई दिल्ली: भारत, जापान और अमेरिका ने पूर्वी चीन सागर के करीब अपना समुद्री युद्धाभ्यास मालाबार एक्सरसाइज आज (शुक्रवार) शुरू किया जिसमें 100 से ज्यादा युद्धक विमान, 22 नौसैनिक पोत और एक परमाणु संचालित पनडुब्बी भाग ले रहे हैं। यह युद्धाभ्यास इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि पूर्वी चीन सागर क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये के कारण यह मुद्दा ज्यादा विवादास्पद बना हुआ है। इसका लक्ष्य क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच गहरे सैन्य संबंध और बेहतर अंत:सक्रियता हासिल करना है। यह युद्धाभ्यास पूर्वी चीन सागर में एक आबादीरहित द्वीप के पास आयोजित किया जा रहा है। इस द्वीप को जापान सेनकाकु कहकर बुलाता है। हालांकि चीन इनपर दावा करता है और उन्हें दिआयु द्वीपसमूह बताता है। भारतीय नौसेना ने कहा कि उनके युद्धपोत सतपुड़ा, सहयाद्री, शक्ति और किर्च इस नौसैनिक युद्ध अभ्यास के 20वें संस्करण में भागीदारी कर रहे हैं। इस अभ्यास से भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा में सहयोग मिलेगा और वैश्विक समुद्री समुदाय लाभान्वित होगा। यह युद्धाभ्यास इस लिहाज से अहम है कि यह दक्षिण चीन सागर के करीब ऐसे समय में किया जा रहा है जब चीन इस क्षेत्र पर अपना मजबूत दावा कर रहा है। भारत और अमेरिका 1992 से ही सालाना स्तर पर युद्धाभ्यास करते रहे हैं। जहां इस अभ्यास का हार्बर चरण आज सासेबो में शुरू हुआ, प्रशांत महासागर में समुद्री चरण 14 से 17 जून तक किया जाएगा।

इस युद्ध अभ्यास में भागीदार कर रहे पोत ईस्टर्न फ्लीट से हैं और इसमें आईएनएस सहयाद्री, आईएनएस सतपुड़ा, आईएनएस शक्ति और आईएनएस किर्च शामिल हैं। वहीं अमेरिकी नौसेना द्वारा इसमें विमान वाहक पोत यूएसएस जॉन सी़ स्टेनिस, क्रूजर यूएसएस मोबाइल बे और अर्ले बुर्के क्लास विध्वंसक यूएसएस स्टाकडेल व यूएसएस चुंग हून द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा, इसमें एक परमाणु पनडुब्बी, कैरियर विंग एयरक्राफ्ट और समुद्री गश्ती विमान भी भागीदारी करेंगे। जापान की ओर से इसमें हेलीकाप्टर वाहक पोत हयूगा, एसएच60 के हेलीकाप्टर और गश्ती विमान भागीदारी करेंगे। साथ ही इन तीनों नौसेनाओं के विशेष बल आपस में संवाद करेंगे।

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