वॉशिंगटन: पठानकोट हमले को मुंबई में 26/11 को हुए हमले की तरह लेते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक स्पष्ट संदेश में पाकिस्तान से इसके षड्यंत्रकारियों को सजा देने के लिए कहा और जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा तथा डी कंपनी जैसे पाक स्थित समूहों से पेश आतंकी खतरों के खिलाफ भारत के साथ खड़ा रहने का संकल्प जताया। राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल व्हाइट हाउस में मुलाकात के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है ‘उन्होंने (ओबामा और मोदी ने) पाकिस्तान से 2008 के मुंबई हमले और 2016 के पठानकोट हमले के षड्यंत्रकारियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए कहा।’ बयान के अनुसार, बैठक के दौरान मोदी और ओबामा ने माना कि आतंकवाद से मानव सभ्यता को लगातार खतरा बना हुआ है। उन्होंने पेरिस से लेकर पठानकोट तक और ब्रसेल्स से लेकर काबुल तक हुए हालिया आतंकी हमलों की निंदा की। आगे बयान में कहा गया ‘उन्होंने दुनिया में कहीं भी होने वाले आतंकवाद और उनकी सहयोगात्मक अवसंरचना के षड्यंत्रकारियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए द्विपक्षीय और समान सोच रखने वाले देशों के साथ अपने प्रयासों को दोगुना करने का संकल्प जाहिर किया।’ मुलाकात के दौरान, ओबामा ओर मोदी ने ‘अलकायदा, दाएश ( आईएसआईएल) जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, डी कंपनी और उनसे संबद्ध समूहों जैसे चरमपंथी गुटों से आसन्न आतंकी खतरों के खिलाफ सहयोग मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई जिसमें संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए गए संगठनों के खिलाफ सहयोग गहरा करना शामिल है।’