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जिनेवा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों की अपनी यात्रा के तीसरे पड़ाव के तहत रविवार को स्विट्जरलैंड पहुंच गए। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार सुबह राष्ट्रपति जोहान श्नीडर अम्मान से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद दोनों देशों के प्रमुखों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई जिसमें दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रतिबद्धता जताई गई। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जिनेवा में दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए राउंड टेबल बैठक की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ाने और एक-दूसरे के यहां व्यापारिक संभावनाएं तलाशने पर जोर दिया गया। समझा जाता है कि पीएम मोदी परमाणु आपू्र्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के लिए स्विट्जरलैंड का सहयोग मांग सकते हैं। इसके अलावा दोनों देशों के बीच काला धन से जुड़े अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। जिनेवा पहुंचने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया। मोदी ने शनिवार को अफगानिस्तान की यात्रा की थी। वह कतर की दो दिनों की यात्रा के बाद यहां पहुंचे। कतर की यात्रा के दौरान उन्होंने वहां के नेतृत्व से कई मामलों पर बातचीत की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘नमस्कार जिनेवा, स्विट्जरलैंड के सुंदर शहर में कल रात आगमन के साथ ही प्रधानमंत्री की यात्रा के तीसरे पड़ाव की शुरूआत हो गई।’

मोदी ने पांच देशों की यात्रा से पहले स्विट्जरलैंड को यूरोप में भारत का अहम साझीदार बताया था। उन्होंने कहा था, ‘मैं हमारे द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग को और गहरा करने के लिए राष्ट्रपति जोहान श्नीडर अम्मान के साथ वार्ता करूंगा।’ मोदी ने कहा था, ‘मैं जिनेवा में प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात करूंगा। हमारा एजेंडा आर्थिक एवं निवेश संबंधों को विस्तार देना होगा। मैं सीईआरएन में काम कर रहे भारतीय वैज्ञानिकों से मिलूंगा। भारत को मानवता की सेवा के लिए विज्ञान के नए पहलुओं की तलाश में उनके योगदान पर गर्व है।’ प्रधानमंत्री भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा किए गए काले धन का मुद्दा भी उठा सकते हैं। मोदी 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्ति समूह में भारत की सदस्यता के लिए स्विट्जरलैंड के सहयोग की अपील कर सकते है क्योंकि वह इस समूह का अहम सदस्य है। मोदी यहां से अमेरिका और फिर मेक्सिको जाएंगे। इसके बाद वह भारत लौटेंगे।

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