नई दिल्ली: पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर ने कंधार विमान कांड को लेकर अब एक नया दावा किया है। मीडिया में आई रिपोर्टों के मुताबिक, मसूद अजहर ने कहा है कि रिहाई के बाद उसे दोबारा पकडऩे के लिए भारत ने अफगानिस्तान में तत्कालीन तालिबान सरकार को पैसों (कैश) की पेशकश की थी। उस दौरान विदेश मंत्री रहे जसवंत सिंह ने इसे लेकर तालिबान चीफ मुल्ला अख्तर मंसूर से मुलाकात भी की थी और मुझे एवं मेरे दो साथियों को पकड़ने को लेकर डील की थी। मसूद ने जैश के मुखपत्र 'अल-कलाम' में इस बात का दावा किया है। मुखपत्र के तीन जून के अंक में यह प्रकाशित किया गया है। गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिका के ड्रोन हमले में मंसूर मारा जा चुका है। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को 1999 में हाईजैक हुए इंडियन एयरलाइंस के IC-814 प्लेन के पैसेंजर्स के बदले रिहा किया गया था। मसूद अजहर ने मुखपत्र के माध्यम से 'सईदी' नाम से मंसूर को श्रद्धांजलि दी और उसी में ये सारी बातें लिखी हैं। स्मरण रहे कि विमान हाईजैकिंग के वक्त मंसूर तालिबान का नागरिक उड्डयन मंत्री था। यात्रियों से भरे विमान को छुड़ाने के लिए बातचीत के बाद तीन आतंकियों को 31 दिसंबर, 1999 को भारत ने छोड़ा था। इस घटना के वक्त भारत में एनडीए की सरकार थी।
यात्रियों के बदले अजहर समेत मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को काबुल ले जाकर छोड़ा गया था। मंसूर खुद कंधार एयरपोर्ट पर आतंकी अजहर को लेने पहुंचा था। मसूद के मुताबिक उस वक्त मुल्ला मंसूर उसे लेने एयरपोर्ट पर अपनी सफेद लैंड क्रूजर कार से आया था। अजहर ने मुखपत्र में कहा है कि कंधार एयरपोर्ट पर मेरी मंसूर के साथ एक बार बैठक हुई थी।