नई दिल्ली: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तमिलनाडु की एक चुनावी रैली में 3600 करोड़ रूपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर इतालवी अदालत द्वारा सोनिया गांधी का नाम लिए जाने संबंधी कथित बयान दिए जाने का मुद्दा आज (सोमवार) संसद के दोनों सदनों में उठाया। लोकसभा में जहाँ अध्यक्ष से इसे तत्काल उठाने का मौका नहीं मिलने पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। वहीं राज्यसभा में इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही को बाधित रखा। कांग्रेस ने इस मुद्दे को दोनों सदनों में उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री के ऐसे बयान से प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जांच प्रभावित हो सकती है। लोकसभा अध्यक्ष से इसे तत्काल उठाने का मौका नहीं मिलने पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट भी किया। राज्यसभा में कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने मामला उठाते हुए कहा कि जब संसद का सत्र चल रहा है तब संसद के बाहर प्रधानमंत्री का बयान सदन कि अवमानना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ऐसे बयान से इस मामले कि जाँच प्रभावित होगी। शोरशराबे के चलते सदन की कार्यवाही को पांच बार स्थगित किया गया। निचले सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तत्काल इसे उठाने देने की मांग कर रहे थे। हालांकि अध्यक्ष ने शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के इदरिश अली का नाम पुकारा। कांग्रेस सदस्यों ने इसका विरोध किया। खड़गे ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है और प्रधानमंत्री ऐसे बयान देते हैं तब इससे प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जांच प्रभावित होगी। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चर्चा के दौरान किसी ने किसी का नाम नहीं लिया था तब प्रधानमंत्री ऐसा कैसे कर सकते हैं। हम ऐसे बयान की निंदा करते हैं।
इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।