नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ राज्य में सूखे की स्थिति की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (शनिवार) निर्देश दिए कि राज्य द्वारा दो दिन पहले सौंपे गए ज्ञापन के मुताबिक उसे तुरंत सहायता दी जाए। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक यादव के साथ यहां एक बैठक में जल की कमी पर भी चर्चा हुई। मोदी ने कहा कि सूखे के कारण लोगों को पेश आ रही समस्याओं को कम करने के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने सूखे से निपटने के लिए मध्यम और दीर्घ अवधि की योजना पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। बयान में कहा गया है कि यादव ने प्रधानमंत्री को राज्य खासकर बुंदेलखंड इलाके में सूखे की स्थिति के कारण लोगों को आ रही समस्याओं को कम करने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराया । गौरतलब है कि राज्य ने दो दिनों पहले 2015-16 के रबी मौसम में सहयोग के लिए केंद्र को एक ज्ञापन सौंपा था और प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रक्रिया को पूरा किया जाए और अविलंब सहयोग दिया जाए। राज्य की ओर से उन्हें 78 हजार जल निकायों को दुरूस्त करने की कार्ययोजना की जानकारी दी गई जिसमें टैंक, तालाब और खेतों के तालाब शामिल हैं। इसके अलावा एक लाख नए जल निकाय और जल केंद्र बनाने की बात भी कही गई ।
बयान में कहा गया कि इसको मनरेगा और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में उपलब्ध कोष से पूरा कराया जाएगा। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत राज्य को 934 . 32 करोड़ रूपये जारी किए गए हैं। यह राशि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष में राज्य के लिए 2015-16 में केंद्रीय हिस्सेदारी 506 . 25 करोड़ रूपये के अलावा है। इसके अलावा एसडीआरएफ को 2016-17 के लिए 265 . 87 करोड़ रूपये की पहली किश्त भी जारी की गई है।