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नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसदों के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी के मामले में सरकार ने आज (मंगलवार) लोकसभा में कार्रवाई किये जाने की बात करते हुए कहा कि सच सामने आना चाहिए, वहीं तृणमूल सदस्यों का कहना था कि पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले राजनीतिक साजिश के तहत आरोप लगाये गये हैं। तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं को कथित तौर पर एक फर्जी निजी कंपनी की मदद के लिए अवैध धन लेते हुए दिखाये गये एक स्टिंग ऑपरेशन के प्रसारण के बाद भाजपा, कांग्रेस और माकपा के सदस्यों ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सदस्यों का कहना था कि पहले भी इस तरह के उदाहरण देखे गये हैं जब इस तरह के स्टिंग के बाद समान आरोपों में 11 सदस्यों को संसद से बख्रास्त कर दिया गया था। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, ‘संसद की प्रतिष्ठा ताक पर है। हमें सच साबित करना होगा। केवल यह कहना पर्याप्त नहीं होगा कि यह साजिश है। इससे जनता संतुष्ट नहीं होगी।’

उन्होंने कहा कि या तो सरकार इस मामले में जांच करा सकती है या लोकसभा अध्यक्ष इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दें। इससे पहले विभिन्न दलों के नेताओं ने जांच की मांग की। माकपा के मोहम्मद सलीम ने आरोपों की जांच के लिए समिति गठित किये जाने की मांग करते हुए कहा, ‘‘कुछ चैनल पर सांसदों को नोटों की गड्डी जेब में रखते हुए देखा गया। हमें शर्म आती है कि हम ऐसे लोगों के साथ बैठे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। उनके आचरण से संसद की मर्यादा और गरिमा प्रभावित हुई है।’’ सलीम के बाद भाजपा के एस एस अहलूवालिया और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की और इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को शांति से बैठे देखा गया लेकिन बाद में तृणमूल के सौगत राय और माकपा के मोहम्मद सलीम के बीच तीखी नोंक-झोंक देखी गयी। तृणमूल के सदस्यों के साथ माकपा के सलीम तथा कांग्रेस के चौधरी के बीच तू-तू-मैं-मैं की नौबत आ गई।

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