नई दिल्ली: पाकिस्तान से गुजरात के रास्ते देश में दाखिल होने वाले 10 संदिग्ध आतंकवादियों में से तीन आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। ये आतंकवादी गुजरात के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे और इनकी मंशा महाशिवरात्रि के मौके पर देश में आतंकी हमले करने की थी। शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इससे पहले कि आतंकवादी देश में कोई हमला कर पाते, गुजरात में ही उनमें से तीन को पिछले शुक्रवार को मार गिराया गया। सूत्रों ने बताया कि शेष सात आतंकवादियों के ठिकानों का भी पता चल गया है, और उनसे निपटने के लिए अभियान जारी है। सूत्रों ने कहा कि चूंकि अभियान अभी चल रहा है, सुरक्षा एजेंसियां इस संबंध में कोई जानकारी देने को तैयार नहीं हैं। शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संदिग्ध पाकिस्तानी आंतकवादियों के इस समूह, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समूह के उग्रवादियों के होने की आशंका है, ने महाशिवरात्रि, सात मार्च को गुजरात स्थित सोमनाथ मंदिर और अन्य स्थानों पर हमला करने की योजना बनायी थी। आतंकवादियों के घुसपैठ की सूचना मिलते ही केन्द्र ने एनएसजी की चार टीमें गुजरात रवाना कर दी थीं। उन्हें प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया था। घुसपैठ की सूचना के साथ ही गुजरात और सभी मेट्रो शहरों में केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता की घोषणा की थी।
सीएनएन-आईबीएन की रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा अधिकारियों ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के संदिग्ध 10 आंतकवादियों की लोकेशन का पता लगाया और इसमें से तीन आतंकवादियों को मार गिराया जबकि बाकी बचे आतंकियों पर नकेल कसने के लिए एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इन आतंकियों की लोकेशन देश के पश्चिमी हिस्से में पायी गई है। सुरक्षा अधिकारी बाकी बचे आतंकियों को जिंदा पकड़ना चाहते हैं ताकि उन्हें सबूत के तौर पर पेश किया जा सके। यही नहीं, आतंकियों की मंशा सोमनाथ मंदिर पर हमला करने की थी जिसे नाकाम कर दिया गया है। गौरतलब है कि खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि गुजरात के रास्ते भारत में दाखिल होने वाले 10 पाकिस्तानी आतंकवादी महाशिवरात्रि के मौके पर सोमनाथ मंदिर सहित प्रतिष्ठित स्थानों एवं भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर हमला कर सकते हैं। खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद सभी धार्मिक स्थानों, रक्षा प्रतिष्ठानों एवं व्यस्त इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।