नई दिल्ली: रेल बजट में नई ट्रेनों, नई लाइनों समेत नई परियोजनाओं की घोषणा नहीं किये जाने पर आसंतोष व्यक्त करते हुए लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु से आग्रह किया कि वे अपने अगले रेल बजट में ऐसी घोषणाएं करें क्योंकि जन प्रतिनिधि होने के कारण उन्हें जनता को जवाब देना पड़ता है। वर्ष 2016-17 के रेल बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए पूर्व रेल राज्य मंत्री और कांग्रेस सदस्य के एच मुनियप्पा ने कहा कि आपने एक भौतिक स्वरूप बजट दिया है जबकि लोगों को काफी अपेक्षाएं थी। लोगों को नई ट्रेन, नई रेल लाइन, नये सर्वे समेत ट्रेन ठहराव एवं अन्य घोषणाओं की अपेक्षा थी लेकिन इस बजट में ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद सदस्य के रूप में लोग हमें चुनकर भेजते हैं, उन्हें अपेक्षाएं होती है। लोगों को उम्मीद थी कि रेल बजट में कुछ न कुछ मिलेगा लेकिन पिछले दो बजट में आपने उन्हें निराश किया है। जन प्रतिनिधि के रूप में हमें जनता को बताना होता है, इसलिए अगले बजट में इस बात का ध्यान रखें। तृणमूल कांग्रेस के तापस मंडल ने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि सुरेश प्रभु नई ट्रेन देंगे, नई लाइन लाएंगे, नए सर्वे की घोषणा करेंगे।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आपने जो नीति अपनाई है, उससे भविष्य में फायदा हो सकता है लेकिन हम जनप्रतिनिधि हैं, हमें अपने लोगों को बताना होता है.. हम उन्हें क्या बताएं? अगली बार जब आप रेल बजट पेश करें तो इसका ध्यान रखें। भाजपा की दर्शना जरदोश ने कहा कि रेल बजट में मंत्री ने पिछली परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान दिया, कोई नये वादे नहीं किये बल्कि लंबित कार्यों को पूरा करने पर जोर दिया। यह स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा कि यात्री सुविधाओं एवं स्वच्छता के विषय पर विशेष ध्यान दिया गया है, साथ ही सोशल मीडिया के जरिये सुरेश प्रभु यात्रियों की हर संभव मदद करने की पहल कर रहे हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र सूरत के लिए नई ट्रेन और ट्रेन ठहराव की मांग की। राकांपा के तारिक अनवर ने कहा कि रेलवे में बदलाव लाने की घोषणाओं के बावजूद समस्याएं बरकरार हैं। ‘ये कवायदें कृत्रिम हैं और इसलिए समस्याएं बनी हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार बुलेट ट्रेन लाना चाहती है, लेकिन आम लोग परेशान हैं। गरीब लोग रोजी रोटी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान जाते हैं, वे आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, रेल मंत्री को उनकी परेशानियों का ध्यान देना चाहिए। ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की आलोचना करते हुए राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि रेलवे में भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा की समस्या बनी हुई है और रेलवे ‘बैक इन इंडिया’ के रूप में दिख रहा है। अन्नाद्रमुक के आर पी मरूथराजा ने ‘अम्मा एक्सप्रेस’ नाम से नई ट्रेन चलाने की मांग की। रेल बजट का समर्थन करते हुए भाजपा की रंजनबेन भट्ट ने कहा कि रेल मंत्री ने बजट में रेलवे एवं यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बडोदरा और वाराणसी को जोड़ने के लिए नई ट्रेन की मांग की। भाजपा की अंजु बाला ने कहा कि बजट में मां, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों समेत सभी वर्गों की चिंताओं का ध्यान रखा गया है। भाजपा के ही विनोद खन्ना ने रेल बजट की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है। उन्होंने रेल की रफ्तार को बढ़ाये जाने की दिशा में पहल करने पर ध्यान देने की जरूरत बतायी। पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल-एस के एच डी देवगौड़ा ने उनके प्रधानमंत्रित्व काल में कर्नाटक के लिए रेल बजट में 14 नई रेल लाइनों की घोषणा किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि वे परियोजनाएं आज तक भी पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि रेल मंत्री के लिए संसाधन जुटाना एक बड़ी चुनौती है लेकिन आम आदमी के लिए यात्रा का सस्ता साधन होने के कारण रेल पर लोगों की आकांक्षाओं का काफी दबाव रहता है। देवगौड़ा ने इस बात की ओर भी रेल मंत्री का ध्यान आकषिर्त किया कि दक्षिण रेलवे मंडल में ट्रेनों में काफी पुरानी बोगियों से काम चलाया जा रहा है जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। भाजपा की भारती सेया ने पालीताणा और बांद्रा के बीच सप्ताह में एक बार चलने वाली रेल गाड़ी का इस्तेमाल सप्ताह के बाकी दिनों में भावनगर से दिल्ली होते हुए हरिद्वार तक चलाए जाने की मांग की। बीजद के प्रभाष कुमार सिंह ने कहा कि ओडिशा रेल बजट में काफी सालों तक उपेक्षित रहा है लेकिन इस बार उसके साथ कुछ न्याय किया गया है। उन्होंने इसके साथ ही 1882 में बनाए गए झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन को रेलवे डिवीजन में तब्दील किए जाने की मांग की। भाजपा की कमला देवी पटेल ने रेल बजट की सराहना करते हुए अपने क्षेत्र के लोगों की मांगों को रेल मंत्री के समक्ष पेश किया।