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इटानगर: अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने भाजपा छोड़ दी है। उन्होंने कहा है कि पार्टी सत्ता पाने का मंच बन गई है। अपांग चार साल पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये थे। पूर्वोत्तर स्थित अरुणाचल प्रदेश में 22 साल तक मुख्यमंत्री रहे अपांग ने मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दो पन्नों का इस्तीफा भेजा।

उन्होंने इस्तीफा के लिए भेजे पत्र में लिखा कि वह यह देखकर निराश हैं कि वर्तमान भाजपा अब राज धर्म के सिद्धांत का पालन नहीं कर रही है बल्कि सत्ता पाने का मंच बन गयी है। पार्टी का नेतृत्व ऐसा है जो लोकतांत्रिक फैसलों के विकेंद्रीकरण से नफरत करता है। अपांग ने कहा कि भाजपा ने 2014 में कलिखो पुल को अरुणाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के लिए हर गलत चाल अपनाई और सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के बावजूद भाजपा सरकार फिर से बनाई गयी।

 

राजधर्म का पालन करना सीखें पीएम और अमित शाह

पत्र में उन्होंने कड़े शब्दों में लिखा कि पूर्व सीएम कलिखो पुल की खुदकुशी पर उचित जांच नहीं की गई। भाजपा के किसी मौजदूा नेता ने पूर्वोत्तर में भाजपा की कई और सरकारें बनाने में नैतिकता की बात नहीं सोची। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले मुख्यमंत्री के रूप में पेमा खांडू के नाम की घोषणा ना तो नियम है और ना ही कार्यकर्ता आधारित पार्टी की परंपरा है।

अपांग ने कहा कि वह चाहते हैं कि अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज धर्म का पालन करना सीखना चाहिए। मालूम हो कि 69 वर्षीय अपांग ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गये थे। अपांग के फैसले का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष टकम संजय ने कहा कि इससे भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया।

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