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कोहिमा: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर नागालैंड के छह पूर्वी जिलों में मतदान कर्मी बूथों पर नौ घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन क्षेत्र के चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान करने नहीं आया। 'फ्रंटियर नागालैंड क्षेत्र' की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए बंद का आह्वान किया गया था।

मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार को ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन की एफएनटी की मांग से कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह पहले ही इस क्षेत्र के लिए स्वायत्त शक्तियों की सिफारिश कर चुकी है। ईएनपीओ पूर्वी क्षेत्र के सात आदिवासी संगठनों का शीर्ष निकाय है।

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूर्वी नागालैंड की सड़कों पर आम लोगों या वाहनों की कोई आवाजाही नहीं है।

नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने कहा कि क्षेत्र के 738 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदानकर्मी मौजूद थे, जिसमें 20 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि उन नौ घंटों में कोई भी वोट डालने नहीं आया। साथ ही 20 विधायकों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया।

नागालैंड के 13.25 लाख मतदाताओं में से पूर्वी नागालैंड के छह जिलों में 4,00,632 मतदाता हैं।

मुख्‍यमंत्री ने प्रदेश की राजधानी से करीब 41 किलोमीटर दूर तौफेमा स्थित अपने गांव में वोट डालने के बाद कहा कि उन्होंने एफएनटी के लिए ड्राफ्ट वर्किंग पेपर स्वीकार कर लिया है, जो उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में सौंपा गया था। उन्होंने कहा, "निर्वाचित विधायकों और प्रस्तावित एफएनटी के सदस्यों को सत्ता में हिस्सेदारी के अलावा सब कुछ ठीक लग रहा है।"

ईएनपीओ की 6 जिलों वाले अलग राज्‍य की मांग

ईएनपीओ छह जिलों वाले एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। साथ ही उसका आरोप है कि सरकारों ने इस इलाके में सामाजिक और आर्थिक विकास नहीं किया है।

हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही एक स्वायत्त निकाय की सिफारिश कर चुकी है, जिससे इस क्षेत्र को राज्य के बाकी हिस्सों के बराबर पर्याप्त आर्थिक पैकेज मिल सके।

20 विधायकों ने नहीं डाला वोट, होगी कार्रवाई?

क्या वोट नहीं डालने के लिए पूर्वी नागालैंड के 20 विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी? इस पर मुख्‍यमंत्री ने कहा, “हम टकराव नहीं चाहते। देखते हैं क्या होगा।” नागालैंड में लोकसभा चुनाव शुरू होने के कुछ घंटे पहले ही ईएनपीओ ने गुरुवार शाम 6 बजे से राज्य के पूर्वी हिस्से में अनिश्चितकालीन पूर्ण बंद का आह्वान किया था। साथ ही आगाह किया था कि यदि कोई मतदान करने जाता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तो इसका जिम्मेदार संबंधित मतदाता होगा।

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