ताज़ा खबरें
अमेठी में बसपा सुप्रीमो मायावती ने महज 24 घंटे में ही बदला उम्मीदवार
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर ईडी से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल के शिक्षक नियुक्ति केस में सीबीआई जांच को रोका

मेरठ: उत्तर प्रदेश की मेरठ संसदीय सीट से बीजेपी ने इस बार 'रामायण' में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं टिकट मिलने के बाद से ही अरुण गोविल चुनावी मैदान में पूरी तरह से एक्टिव नजर आ रहे हैं। इसी बीच अरुण गोविल ने एक न्यूज़ चैनल खास कार्यक्रम में खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर पर भी प्रतिक्रिया दी।

अरुण गोविल ने कहा कि बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा है, एक बड़ी वजह थी बीजेपी में आने की। बीजेपी हमेशा राष्ट्रवाद की बात करती है। मेरे लिए राष्ट्रवाद और देश बेहद अहम है। मुझे समाज और देश के लिए कुछ करना है, जो संगठन तय कर रहा है, मैं वही कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी में ज्यादा बदलाव नहीं आया है, बीजेपी कोशिश करेगी तो राम राज्य भी आएगा। पीएम मोदी के पास परिवार नहीं बल्कि देश है, पीएम मोदी सिर्फ देश के लिए ही सब कर रहे हैं। पीएम ने पूरे देश को अपना परिवार बना लिया।

उन्होंने कहा कि 400 पार कह रहे हैं तो मतलब 400 पार होगा, बीजेपी 400 पार के लिए कोशिश कर रही है।

मेरठ सीट से बीजेपी प्रत्याशी अरुण गोविल ने कहा कि मुझे लोगों का बहुत प्यार मिल रहा है और लोगों के अंदर पूर्ण समर्पण का भाव है। चुनावी माहौल और चुनावी उत्साह देखकर अच्छा लग रहा है, मुझे मेरी छवि का फायदा जरूर मिलेगा। राम मंदिर कोई राजनीतिक स्टंट नहीं है और मंदिर 500 साल पुराना काम था जिसे पूरा किया गया। वहीं उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की आस्था को एक आकार मिल गया, राम मंदिर जाना बेहद सौभाग्य की बात है।

वहीं उन्होंने कहा कि रामायण में राम का किरदार निभाना किस्मत में लिखा था। कांग्रेस को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आना चाहिए था, कांग्रेस ने कार्यक्रम में ना आकर इसे राजनीतिक बना दिया। सनातन धर्म को मानने वालों को राम मंदिर मिला, आप हर वक्त राजनेता नहीं होते। व्यक्तिगत तौर पर कांग्रेस के लोगों को आना चाहिए था, इस कार्यक्रम को राजनीतिक बनाने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।

अरुण गोविल ने कहा कि मुझे गुस्सा आता है लेकिन बेहद कम आता है। राम का किरदार निभाने के फायदे और नुकसान दोनों रहे। रामायण करने के बाद फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया था, जिस वजह से कई साल खाली बैठा रहा। उस वक्त मेरे पास कोई काम नहीं था और एक वक्त के बाद धीरे-धीरे चीजें बदलनी शुरू हो गई थीं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख