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नई दिल्ली: थोक महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) मार्च महीने में मामूली रूप से बढ़कर 0.5 प्रतिशत हो गई है, यह पिछले महीने में 0.2 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से सोमवार को इससे जुड़े आंकड़े जारी किए गए। वाणिज्य मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सालाना आधार पर मार्च में बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 0.20 प्रतिशत थी।

थोक खाद्य मुद्रास्फीति में सालाना आधार पर 4.7% का इजाफा

थोक प्याज की कीमतें फरवरी में 29.22 प्रतिशत बढ़ी थीं जो मार्च में 56.99 प्रतिशत तक बढ़ गईं। भारत को अगली खरीफ फसल की कटाई तक प्याज की आपूर्ति में बड़ी कमी का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच, आलू के थोक मूल्य सूचकांक मार्च में 52.96 प्रतिशत बढ़े जबकि फरवरी में इसमें 15.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले मार्च महीने में प्याज की थोक कीमतों में 36.83 प्रतिशत और आलू में 25.59 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। मार्च, 2024 के महीने के लिए डब्ल्यूपीआई सूचकांक में महीने-दर-महीने का परिवर्तन फरवरी, 2024 की तुलना में 0.40 प्रतिशत रहा।

थोक खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी में सालाना आधार पर 4.1 प्रतिशत बढ़ने के बाद मार्च में 4.7 प्रतिशत तक बढ़ गई। वहीं, मासिक आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी में 0.11 प्रतिशत बढ़ने के बाद मार्च में 1.01 प्रतिशत बढ़ी।

ईंधन और बिजली की थोक कीमतों में देखी गई कमी

मार्च, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, बिजली, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मशीनरी और उपकरण और अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है। कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र की थोक मुद्रास्फीति मार्च में 4.87 प्रतिशत बढ़ी जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 1.19 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति मार्च में शून्य से 0.77 प्रतिशत घटी।

फोटो: सोशल मीडिया से साभार

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