ताज़ा खबरें
चुनाव आयोग ने संपत्ति बांटने वाली पीएम की टिप्पणी की जांच की शुरू
सपा प्रमुख अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव

नई दिल्ली: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने जांच के मकसद से देश भर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित पाउडर के रूप में सभी ब्रांडों के मसालों के नमूने लेना शुरू कर दिया है। एक सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी है। सिंगापुर और हांगकांग में इन दोनों कंपनियों के कुछ मसाला उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताये जाने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।

सवाल उठे तो हरकत में सरकार

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सूत्र ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनजर, एफएसएसएआई बाजार से एमडीएच और एवरेस्ट समेत सभी ब्रांड के मसालों के नमूने ले रहा है ताकि यह जांचा जा सके कि वे तय मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण निर्यात किये जाने वाले मसालों की गुणवत्ता का नियमन नहीं करता है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाला एफएसएसएआई घरेलू बाजार में बेचे जाने वाले उत्पाद की गुणवत्ता की जांच करने के लिए नियमित रूप से बाजार से मसालों के नमूने लेता है।

नई दिल्ली: बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। कोर्ट ने अपीलीय न्यायाधिकरण के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें ट्रस्ट को योग शिविरों के आयोजन के लिए प्रवेश शुल्क लेने पर सेवा कर का भुगतान करने को कहा गया था। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (सीईएसटीएटी) की इलाहाबाद पीठ के पांच अक्टूबर, 2023 को आए फैसले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया योग शिविर के लिए सर्विस टैक्स चुकाने का आदेश

पीठ ने ट्रस्ट की अपील खारिज करते हुए कहा, "न्यायाधिकरण ने ठीक ही कहा है कि शुल्क वाले शिविरों में योग करना एक सेवा है। हमें इस आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला। अपील खारिज की जाती है।" सीईएसटीएटी ने अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की तरफ से आयोजित आवासीय एवं गैर-आवासीय योग शिविरों में शामिल होने के लिए शुल्क लिया जाता है।

नई दिल्ली: थोक महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) मार्च महीने में मामूली रूप से बढ़कर 0.5 प्रतिशत हो गई है, यह पिछले महीने में 0.2 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से सोमवार को इससे जुड़े आंकड़े जारी किए गए। वाणिज्य मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सालाना आधार पर मार्च में बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 0.20 प्रतिशत थी।

थोक खाद्य मुद्रास्फीति में सालाना आधार पर 4.7% का इजाफा

थोक प्याज की कीमतें फरवरी में 29.22 प्रतिशत बढ़ी थीं जो मार्च में 56.99 प्रतिशत तक बढ़ गईं। भारत को अगली खरीफ फसल की कटाई तक प्याज की आपूर्ति में बड़ी कमी का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच, आलू के थोक मूल्य सूचकांक मार्च में 52.96 प्रतिशत बढ़े जबकि फरवरी में इसमें 15.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले मार्च महीने में प्याज की थोक कीमतों में 36.83 प्रतिशत और आलू में 25.59 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। मार्च, 2024 के महीने के लिए डब्ल्यूपीआई सूचकांक में महीने-दर-महीने का परिवर्तन फरवरी, 2024 की तुलना में 0.40 प्रतिशत रहा।

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक समीक्षा बैठक के नतीजे का एलान कर दिया गया है। आज यानि शुक्रवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी के फैसले की घोषणा की गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

यह लगातार सातवां मौका है जबकि रेपो दर में बदलाव नहीं किया गया है। रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि आपके होम लोन, कार लोन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त यानि ईएमआई में बदलाव की संभावना कम है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख