- Details
(आशु सक्सेना): सभी राजनीतिक दलों ने लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। केंद्र की सत्ता पर पिछले एक दशक से काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माहौल को धार्मिक बनाने की रणनीति के तहत अयोध्या यानि रामजन्म भूमि पर रामलला के 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियों के तहत रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा और कई अन्य परियोजनाओंं का शनिवार को उद्धाटन करके अपने चुनाव प्रचार अभियान का श्री गणेश कर दिया है।
वहीं, प्रमुख विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में भी लोकसभा सीटों के बंटवारे की पेचीदा समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रव्यापी स्तर पर घटक दलों की बैठकों के दौर मेंं तेजी आयी है। इसके लिए 'इंडिया' गठबंधन ने 'जो जीतेगा-वही लड़ेगा' के सिद्धांत पर सीटों का बंटवारा तय किया है। अपनी इस कवायद में उसे कितनी सफलता मिली, यह तो भविष्य के गर्व में है। हांलाकि विपक्षी गठबंधन ने अपनी पिछली दिल्ली बैठक में इसके लिए 15 जनवरी की समयसीमा तय की है।
- Details
(आशु सक्सेना): केंद्र की सत्ता पर करीब एक दशक से काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लोकसभा चुनाव के सेमी फाइनल में हिंदी भाषी तीन सूबों में जीत का परचम फहरा कर चुनावी राजनीति के फाइनल मुकाबले के लिए मजबूत दावेदारी दर्ज़ की है। प्रधानमंत्री ने बीते 15 अगस्त को दिल्ली केे लाल किले की प्राचीर से यह दावा किया था कि अगले साल भी वही 'राष्ट्रीय ध्वज' फराएंगे।
सेमी फाइनल के नतीज़ों को अगर आधार माना जाए, तो पिछले एक दशक से बीजेपी के स्टार प्रचारक पीएम मोदी अपने दावे को अमलीजामा पहनाने की स्थिति में नज़र आ रहे हैं। वह देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू का रिकार्ड तोड़ते नज़र आ रहे हैं।
लेकिन अगर दुर्भाग्य से क्रिकेट वनडे विश्वकप की तरह लोकतंत्र की चुनावी राजनीति के फाइनल मुकाबले में पीएम मोदी अपनी तीसरी पारी के लिए लोकसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करने में असफल रहे, तब बीजेपी के संरक्षक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका क्या होगी? यह एक बहुत बड़ा सवाल है? क्या आरएसएस अपनी स्थापना के 99वें में साल में पीएम मोदी पर ही दाव खेलेगी?
- Details
(आशु सक्सेना): देश की हिन्दी पट्टी कहे जाने वाले राज्यों में से तीन- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़- में जीत के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का केंद्रीय नेतृत्व काफी पशोपेश में है। तीन दिसंबर को चुनाव नतीज़े सामने आ गये हैं, लेकिन अभी तक किसी भी सूबे के मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं की गयी है। दरअसल, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के सामने दिक्कत यह है कि तीनों ही राज्यों का चुनाव पार्टी ने पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा है। लेकिन चुनाव नतीज़ों के बाद जो तस्वीर उभरी है, उसमें जहां मध्य प्रदेश की जीत का श्रेय सीएम शिवराज सिंह चौहान के खाते में जा रहा है। वहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जीत में पूर्व सीएम बसुंधरा राजे सिंधिया और पूर्व सीएम रमन सिंह की अहम भूमिका मानी जा रही है। इन दोनों की राज्यों में पार्टी के यह वरिष्ठ नेता एग्ज़िट पोल के बाद से ही सक्रिय हैं।
आपको याद दिला दें कि छत्तीसगढ़ में जहां सभी एग्ज़िट पोल भूपेश बघेल सरकार की वापसी की उम्मीद जता रहे थे, तब सबसे पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का बयान सबसे पहले सामने आया था कि कांग्रेस 35 सीट से ज्यादा नही जीत रही है।
- Details
(आशु सक्सेना): मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना आज यानि 3 दिसंबर रविवार को लगभग पूरी हो गई है। देश में अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले हो रहे इन राज्यों के विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल मुकाबले के रूप में देखा जा रहा था। जिसमें केंद्र की सत्ता पर दस साल से काबिज बीजेपी ने परचम फहराया है। चार में से तीन राज्यों में भाजपा ने जीत दर्ज की है। जबकि के एकमात्र सूबे तेलंगाना में क्षेत्रीय दल बीआरएस को कांग्रेस सत्ता से बेदखल करने में कामयाब रही है।
एग्ज़िट पोल के आंकलन के विपरित भाजपा ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सत्ता छीन ली है। जबकि अधिकांश एजेंसियां इस सूबे में कांग्रेस की जीत का दावा कर रहीं थी। कमोबेश ऐसे ही नतीज़े मध्यप्रदेश में भी देखने को मिले हैं। इस सूबे में बीजेपी ने उम्मीद से बहुत बेहतर जीत दर्ज की है। लेकिन बीजेपी की इस जीत के लिए पीएम मोदी से कहीं ज्यादा लोकप्रियता सीएम शिवराज सिंह चौहान की बतायी जा रही है। वहीं राजस्थान में भी कांगेस 2013 की हार से कहीं बेहतर प्रदर्शन के बावजूद रिवाज़ को बदलने में कामयाब नहीं हुई है।
- देश
- प्रदेश
- आलेख
- नाव आयोग ने संपत्ति बांटने वाली पीएम की टिप्पणी की जांच शुरू की
- सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट पर सुनवाई के बाद अपना फैसला रखा सुरक्षित
- "कांग्रेस की असली मानसिकता सामने आई"- पित्रोदा के बयान पर शाह
- सैम पित्रोदा ने अमीरों की दौलत को लेकर अमेरिकी नियम की पैरवी की
- लोकसभा चुनाव: 13 राज्यों की 88 सीटों पर थमा चुनावी शोर, वोटिंग कल
- वीवीपैट की गिनती वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
- लोकसभा चुनाव: दूसरे फेस में हेमामालिनी हैं तीसरी सबसे अमीर प्रत्याशी
- दिल्ली-एनसीआर में बदला मौसम का मिजाज, बारिश ने दी गर्मी से राहत
- 'पतंजलि' बड़े साइज़ में विज्ञापन छपवाकर फिर मांगे माफी: सुप्रीम कोर्ट
- 'दोबारा नहीं होगी ऐसी गलती'- पतंजलि का सार्वजनिक माफीनामा जारी
- केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध- सुप्रीम कोर्ट में ईडी का हलफनामा दाखिल
- अअरुणाचल प्रदेश में भारी भूस्खलन, चीन सीमा से सटे इलाके से टूटा संपर्क
- सपा प्रमुख अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव
- अमरोहा से "इंडिया" गठबंधन के प्रत्याशी दानिश के कार्यक्रम में हंगामा
- ममता बनर्जी सीएए को छूने की हिम्मत नहीं कर सकतीं: अमित शाह
- मेरी मां सोनिया गांधी का मंगलसूत्र इस देश पर कुर्बान हो गया: प्रियंका
- कांग्रेस आज गोवा में संविधान नकार रही हैं, कल देश में नकारेगी: मोदी
- लद्दाख से भाजपा सांसद नामग्याल का टिकट कटा, ग्यालसन बने प्रत्याशी
- दिल्ली शराब नीति केस: केजरीवाल, के. कविता अभी जेल में ही रहेंगे
- 'मंगलसूत्र' और 'हनुमान चालीसा' का ज़िक्र कर कांग्रेस पर बरसे मोदी
- लोकसभा सीटों का बंटवारा एनडीए के लिए भी कम सिरदर्द नहीं होगा
- लोकतंत्र के चुनावी फाइनल में अगर मोदी बहुमत से चूके, तब क्या होगा?
- तीनों सूबों में चेहरे बदलने का मोदी को लोकसभा चुनाव में होगा नुकसान
- तीन राज्यों में बीजेपी की जीत के बावजूद पीएम मोदी को चुनौती बरकरार
- 15 अगस्त 2024 को क्या मोदी लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फेराएंगे?
- बैकफायर कर सकती है 'रायतु बंधु योजना', बीआरएस को होगा नुकसान
- पूर्व पीएम वीपी सिंह के बहाने गैर-कांग्रेसी तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज
- तेलंगाना:बीआरएस-कांग्रेस में कांटे की टक्कर, वोटकटुआ जैसी है बीजेपी
- चुनाव के बाद एमपी में क्या मार्च 2020 का खेल फिर दोहराया जायेगा!
- पत्रकारों के लिए संसद भवन में अभी भी चल रहा है "कोरोना काल"