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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली की शराब नीति केस में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सोमवार को कोर्ट से बड़ा झटका लगा। केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कंसल्टेशन के लिए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका लगाई थी, जो खारिज हो गई है।

केजरीवाल ने याचिका में तिहाड़ जेल के अधिकारियों को उन्हें इंसुलिन देने का निर्देश देने और उनके शुगर लेवल, डायबिटीज को लेकर हर रोज 15 मिनट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर से मेडिकल कंसल्टेशन के लिए परमिशन की मांग की थी। अदालत में उनकी याचिका खारिज हो गई।

कोर्ट ने 'मेडिकल बोर्ड' बनाने का आदेश दिया

हालांकि, राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए एक मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एम्स के डायरेक्टर केजरीवाल के लिए एक मेडिकल बोर्ड बनाएंगे। केजरीवाल 1 अप्रैल से तिहाड़ में हैं और 23 अप्रैल को उनकी न्यायिक हिरासत पर फिर से सुनवाई होगी।

टाइप-2 डायबिटीज मरीज हैं केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल को टाइप-2 डायबिटीज है। शराब घोटाला मामले में उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 18 अप्रैल को केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने ट्रायल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर केजरीवाल के डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कंसल्टेशन लेने की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि केजरीवाल टाइप-2 डायबिटीज के मरीज हैं और उनका ब्लड शुगर लेवल फ्लक्चुऐट होता रहता है।

जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे केजरीवाल: ईडी की दलील

इसके जवाब में ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि केजरीवाल तिहाड़ जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं। केजरीवाल के घर से ऐसा ही खाना आ रहा है, जिसमें शुगर और कॉर्ब्स की मात्रा ज्यादा रहती है। ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए। उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उस दिन फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज फैसला सुनाया गया।

एम्स के डायरेक्टर बनाएंगे मेडिकल बोर्ड

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एम्स के डायरेक्टर केजरीवाल के लिए एक मेडिकल बोर्ड बनाएंगे। उन्हें इंसुलिन दिया जाएगा या नहीं... इस पर मेडिकल बोर्ड ही फैसला करेगा। उनकी डाइट भी मेडिकल बोर्ड तय करेगा। जेल में केजरीवाल किस तरह का वर्कआउट करेंगे, यह भी मेडिकल बोर्ड तय करेगा।

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