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माले: मालदीव में संसदीय चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद अब वोटों की गिनती जारी है। मालदीव के साथ रिश्तों में आई खटास को लेकर भारत के साथ-साथ चीन भी इस चुनाव पर नजर बनाए हुए है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) मालदीव के संसदीय चुनाव में जीत की तरफ बढ़ रही है।

66 सीटों पर मुइज्जू की पार्टी जीती

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार मालदीव के चुनाव आयोग ने बताया कि 93 सीटों में 86 सीटों का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है, जिसमें से राष्ट्रपति मुइज्जू की पीएनसी पार्टी ने 66 सीटों पर जीत दर्ज की। यह आंकड़ा बहुमत से ज्यादा है, जिससे अब मालदीव में फिर से मुइज्जू की पार्टी की सरकार बन सकती है। विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी), जिसने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव हारने से पहले इंडिया फर्स्ट की नीति अपनाई थी, वे सिर्फ 15 सीटों पर आगे चल रही थी। राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी अगर सरकार बनाती है, तो हिंद महासागर के साथ-साथ भारत के संबंधों पर असर हो सकता है।

2 लाख 84 हजार लोगों ने डाला वोट

इसके अलावा मालदीव डेवलपमेंट अलायंस, जम्हूरी पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार मिलाकर कुल सात सीटों पर आगे चल रहे हैं, जो दर्शाता है कि पीएनसी संसद में आराम से बहुमत के आंकड़े को पार कर जाएगी। मालदीव में सरकार चुनने के लिए 93 संसदीय सीटों पर कुल 2 लाख 84 हजार लोगों ने वोट डाला।

पीएनसी ने चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं से बहुमत से अधिक सीटों पर जिताने का अह्वान किया था, ताकि मुइज्जू की सरकार तेजी से अपने वादे को पूरा कर सके। पीएनसी के चुनावी वादे में मालदीव में दो हेलीकॉप्टर एक विमान संचालित करने के लिए तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस भेजने की बात भी कही गई थी।

भारत-मालदीव रिलेशन

पिछले साल सत्ता में आने के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत के साथ मालदीव के रिश्तों में खटास आई थी। मालदीव ने खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें खाद्य पदार्थों और फार्मास्युटिकल उत्पादों की आपूर्ति के लिए तुर्की और अन्य देशों के साथ समझौता करना शामिल है।

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