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कोहिमा: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर नागालैंड के छह पूर्वी जिलों में मतदान कर्मी बूथों पर नौ घंटे तक इंतजार करते रहे, लेकिन क्षेत्र के चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान करने नहीं आया। 'फ्रंटियर नागालैंड क्षेत्र' की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए बंद का आह्वान किया गया था।

मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार को ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन की एफएनटी की मांग से कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह पहले ही इस क्षेत्र के लिए स्वायत्त शक्तियों की सिफारिश कर चुकी है। ईएनपीओ पूर्वी क्षेत्र के सात आदिवासी संगठनों का शीर्ष निकाय है।

अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूर्वी नागालैंड की सड़कों पर आम लोगों या वाहनों की कोई आवाजाही नहीं है।

नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने कहा कि क्षेत्र के 738 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदानकर्मी मौजूद थे, जिसमें 20 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

नई दिल्ली: नगालैंड के स्थानीय निकाय में महिला आरक्षण से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान केंद्र सरकार को फटकार लगाई। नगालैंड के स्थानीय निकाय में 33 फीसदी महिला आरक्षण लागू नहीं होने पर शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा, "आप अन्य राज्य सरकारों के खिलाफ तो कड़ा रुख अपनाते हैं, जो आपके प्रति उत्तरदायी नहीं हैं। लेकिन जिस राज्य में आपकी पार्टी की सरकार है, वहां आप कुछ नहीं करते।" कोर्ट ने सवाल किया, "आप अपनी ही पार्टी की राज्य सरकारों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लेते?"

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल ने केंद्र से पूछा कि नगालैंड के स्थानीय निकाय में 33 फीसदी आरक्षण क्यों लागू नहीं हुआ? क्या महिलाओं के लिए आरक्षण के खिलाफ कोई प्रावधान है? महिलाओं की भागीदारी का विरोध क्यों हो रहा है? जबकि जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाएं समान रूप से शामिल हैं। कोर्ट के सवाल पर अटॉर्नी जनरल नगालैंड ने कहा, "ऐसे महिला संगठन हैं, जो कहते हैं कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए। ये पढ़ी-लिखी महिलाएं हैं। ये कोई छोटी संख्या नहीं है।"

गुवाहाटी: केंद्र सरकार ने नागालैंड विवाद पर 30 सैनिकों पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है। राज्य पुलिस के अनुसार, केंद्र ने नागालैंड में दिसंबर 2021 में उग्रवाद-विरोधी अभियान में कथित रूप से शामिल 30 सैन्य कर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया है, जिसमें 14 स्‍थानीय युवक मारे गए थे। नागालैंड के मोन जिले में गोलीबारी की जांच करने वाले नागालैंड विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दायर चार्जशीट में सेना के लोगों का नाम लिया गया था। नागालैंड पुलिस ने एक बयान में कहा, "सक्षम प्राधिकारी (रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) ने सभी 30 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया है।"

पुलिस ने बृहस्‍पतिवार को कहा कि केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के मंजूरी से इंकार के बारे में एक अदालत को बता दिया गया है। 4 दिसंबर, 2021 को, भारतीय सेना के 21 पैरा स्पेशल फोर्स के सैनिकों की मोन जिले के तिरु-ओटिंग क्षेत्र में छह स्थानीय कोयला खनिकों से मुठभेड़ हुए थी, जिसमें वे मारे गए थे। खनिकों को ले जा रहे पिकअप ट्रक पर गोली चलाने वाले सैनिकों ने दावा किया कि यह गलत पहचान का मामला था।

कोहिमा: नगालैंड में भी एनडीपीपी के नेफ्यू रियो की अगुवाई में बनी सर्वदलीय सरकार आज शपथ ले ली है। नेफ्यू रियो 5वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। नागालैंड के राज्यपाल ला गणेशन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। साथ ही तदितुई रंगकौ ज़ेलियांग और यानथुंगो पैटन ने उपमुख्यमंत्रियों के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी शामिल हुए।

लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने 72 साल के रियो अपने राज्य में सर्वदलीय सरकार का नेतृत्व करेंगे, जहां कोई विपक्षी दल नहीं होगा। गठबंधन में बीजेपी भी शामिल है। नगालैंड में पहले भी दो बार सर्वदलीय सरकार बन चुकी है। लेकिन दोनों ही मामलों में राजनीतिक दल शांति समझौते के लिए केंद्र सरकार और एनएससीएन (आईएम) के पूर्व विद्रोहियों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के वास्ते संयुक्त मोर्चा बनाने की कवायद के तहत एकजुट हुए थे। रियो के नेतृत्व वाली सरकार का शपथ ग्रहण यहां ‘कैपिटल कल्चरल हॉल' में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ।

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