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नई दिल्ली: नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है कि नागरिकता विधेयक राज्य पर लागू नहीं हो सकता क्योंकि इसे संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) के तहत संरक्षण प्राप्त है। आपको बता दें कि रविवार को जेडीयू की राष्ट्रीय पदाधिकारियों व प्रमुख नेताओं की बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्यसभा में असम से संबंधित नागरिकता (संशोधन) विधेयक आता है तो पार्टी उसका विरोध करेगी। नागरिकता विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है और राज्यसभा में बिल लंबित है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य को संविधान के अनुच्छेद 371 (ए) और बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन 1873 के तहत इनर लाइन परमिट के तहत संरक्षण मिला हुआ है। इस अनुच्छेद में नगालैंड के लिये विशेष प्रावधान किये गए हैं।

नई दिल्ली: पूरे नगालैंड राज्य को ‘अफ्स्पा’ कानून के तहत और छह महीने यानि जून अंत तक के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया गया है। ‘अफ्स्पा’ सुरक्षा बलों को किसी भी जगह अभियान संचालित करने और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।

राज्य खतरनाक स्थिति में

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार का विचार है कि पूरा नगालैंड राज्य क्षेत्र ऐसी अशांत एवं खतरनाक स्थिति में है कि प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का इस्तेमाल जरूरी है। अधिसूचना में कहा गया है, ‘ऐसे में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून, 1958 (1958 के नम्बर 28) की धारा तीन के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार इसके द्वारा घोषणा करती है कि पूरा उपरोक्त राज्य उस कानून के उद्देश्य से 30 दिसम्बर 2018 से छह महीने की अवधि के लिए एक ‘अशांत क्षेत्र’ रहेगा।

कोहिमा: नागालैंड की आवाम एक सच्चे और ईमानदार पुलिस अफसर के लिए बड़ा आंदोलन कर रही है। दरअसल, वे लोग नागालैंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रुपिन शर्मा के संभावित तबादले को लेकर अपना गुस्सा आंदोलन के तौर पर निकाल रहे हैं। इसके साथ ही नागालैंड के लोग राज्य में कई जगहों पर रुपिन शर्मा के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चला रहे हैं।

आपको बता दें, रुपिन शर्मा ने मात्र 50 साल की उम्र में 24 नवंबर 2017 को नगालैंड के डीजीपी का पदभार संभाला था। ये वही अफसर हैं जिन्होंने सबसे कम उम्र में डीजीपी का पदभार ग्रहण किया था। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी रुपिन शर्मा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले हैं। खबरों के मुताबिक, उन्हें कई बार उग्रवादियों द्वारा जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है।

कोहिमा: नगालैंड के मोन जिले में संदिग्ध नगा उग्रवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल के 4 जवान शहीद हो गए हैं। जबकि 2 अन्य घायल हो गए। ये हमला खपलांग उग्रवादियों ने किया है। असम राइफल के महानिरीक्षक के पीआरओ ने बताया कि घटना शाम तीन बजे के करीब अबोई के पास उस समय हुई जब सशस्त्र उग्रवादियों ने असम राइफल के छह जवानों की टीम पर घात लगाकर हमला किया।

उन्होंने बताया कि हवलदार फतेह सिंह नेगी और सिपाही एच. कोनयाक शहीद हो गए, जबकि चार अन्य गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसमें इलाज के दौरान दो जवान और शहीद हो गये। सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन इसमें कितने उग्रवादी हताहत हुए इसकी अभी जानकारी नहीं है। आपको बता दें कि गृह मंत्रालय की ओर से पहले एक अलर्ट भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि म्यांमार सीमा पर आतंकी हमला हो सकता है।

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