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गुवाहाटी: नगालैंड में पैरा स्पेशल फोर्सेज के एक असफल सैन्य ऑपरेशन में 14 ग्रामीणों की मौत पर संसद में सोमवार (06 दिसंबर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन के बाद, नगा जनजाति, जिससे मारे गए अधिकांश लोगों का ताल्लुक था, ने त्वरित और सख्त कदम उठाए जाने से जुड़ी मांगों का पांच-सूत्रीय ज्ञापन जारी किया है। ज्ञापन में कहा गया है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार सेना कर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो और राज्य में सेना और सुरक्षा बलों को दी गई विशेष शक्तियों को वापस लिया जाय।

नगालैंड के मोन जिले, जहां ये घटना हुई है, के कोन्याक में नगा जनजाति का शीर्ष निकाय है। इसी निकाय ने सरकार को मांगों का एक ज्ञापन भेजा है। निकाय की पहली मांग है कि सक्षम जांच एजेंसी के तहत तत्काल स्वतंत्र जांच कमेटी का गठन किया जाए। निकाय ने यह भी मांग की है कि इस घटना की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के दो सदस्य नगा नागरिक समाज से होने चाहिए। कोन्याक संघ ने मांग की है कि घटना में शामिल सभी सैन्य कर्मियों पर देश के कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

कोहिमा: नगालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों द्वारा आम नागरिकों पर फायरिंग के सिलसिले में पुलिस ने भारतीय सेना के 21 पैरा विशेष बलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। नगालैंड पुलिस ने आर्मी यूनिट के खिलाफ अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि सेना के 21 पैरा स्पेशल बलों ने असम सीमा के पास नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग में अंधाधूंध फायरिंग की, जिसके परिणामस्वरूप 13 ग्रामीणों की मौत हो गई। एफआईआर में पुलिस ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा बलों का इरादा नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना था।

एनडीटीवी ने दावा किया है कि उसके पास एफआईआर की कॉपी है। राज्य पुलिस द्वारा दायर प्राथमिकी में कहा गया है, 'यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि घटना के समय कोई पुलिस गाइड नहीं था और न ही सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों के खिलाफ अपने ऑपरेशन के लिए गाइड प्रदान करने के लिए पुलिस थाने से मांग की थी। इसलिए यह स्पष्ट है कि सुरक्षा बलों का इरादा नागरिकों की हत्या करना और उन्हें घायल करना ही था।' बता दें कि इस मामले में राज्य सरकार की ओर से एसआईटी टीम गठित कर दी गई है।

कोहिमा: नगालैंड (में सुरक्षा बलों के एक आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में 'गलत पहचान' के चलते 13 स्थानीय लोग मार गए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या करीब एक दर्जन है। वहीं, सुरक्षा बल का एक जवान की भी मौत हो गई। घटना म्यांमार की सीमा से लगे नागालैंड के मोन जिले के ओटिंग गांव की है।

नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने शांति की अपील करते हुए रविवार सुबह ट्वीट किया कि राज्य के मोन जिले के ओटिंग गांव में 'दुर्भाग्यपूर्ण घटना' की वजह से 'नागरिकों की हत्या' हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च स्तरीय विशेष जांच दल इसकी जांच करेगा। सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'मोन के ओटिंग में दुर्भाग्यपूर्ण घटना में नागरिकों की हत्या अत्यंत निंदनीय है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना। उच्च स्तरीय एसआईटी जांच करेगी और देश के कानून के मुताबिक न्याय मिलेगा। सभी वर्गों से शांति की अपील।'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'नगालैंड के ओटिंग, मोन में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हूं।

कोहिमा: नागालैंड सरकार 2030 तक गरीबी खत्म करने के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के जरिए कौशल विकास और रोजगार सृजन पर खासतौर से ध्यान केंद्रित करेगी और इसके लिए सरकार ने सीएसआर फंड सहित विभिन्न वित्तीय स्रोतों की संभावनाएं तलाशने की योजना बनाई है। एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि एक विजन दस्तावेज के अनुसार नेफियू रियो सरकार गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और वित्त पोषण एजेंसियों से ऋण हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

अधिकारी ने बताया कि रियो ने बुधवार को राज्य की आर्थिक वृद्धि के लिए स्थानीय वस्तुओं के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। एक अनुमान के मुताबिक नागालैंड में 18.88 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करते हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में ‘‘नागालैंड एसडीजी विजन 2030-दस्तावेज'' जारी किया। इसका मकसद राज्य में सभी को आगे बढ़ाना है।

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