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कोहिमा: नागालैंड में कांग्रेस के लिए राजनीतिक संकट का दौर जारी है। पार्टी को राज्य में उस समय एक और तगड़ा झटका लगा, जब पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता के एल चिशी ने पार्टी का साथ छोड़ दिया।

चिशी ने पार्टी से मोह भंग होने के कारण प्रदेश कांग्रेस समिति और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की घोषणा की है। इससे पहले राज्य के पूर्व गृहमंत्री वाई पाट्टन ने भी गत नौ जनवरी को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए बुरी खबर है। नागालैंड में क्षेत्रीय दल नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ दो दशक पुराना गठबंधन टूटने से वहां की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। एनपीएफ के सूत्रों ने बताया कि गठबंधन तोडऩे की घोषणा पार्टी के नेता शुरोजेली के नेतृत्व में केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने लिया है।

हालांकि एनपीएफ के एक धड़े ने इसे एक तरफा फैसला बताया और आरोप लगाया कि कि इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श नहीं किया गया है। पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी निजी तौर पर इसका विरोध किया है और कहा है कि यह फैसला मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।

पार्टी के एक नेता ने कोहिमा से फोन पर कहा, "हम मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में टी आर जेलियांग का समर्थन कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कभी भी पार्टी का नेतृत्व नहीं किया है। राज्य विधानसभा का 2013 का चुनाव नेफियू रियो के नेतृत्व में लडा गया था।" रियो तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और नागालैंड संसदीय सीट से 16 लोकसभा के सदस्य हैं।

कोहिमा: नगालैंड के मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग ने नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के दस विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग को लेकर राज्य विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष एक समग्र याचिका दायर की है। कल दायर की गयी याचिका में जेलियांग ने दलील दी है कि विधायकों को दसवीं अनुसूची के अनुच्छेद 2 (1) (बी) के तहत अयोग्य घोषित किया जाए क्योंकि वे पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करते हुए गत 19 जुलाई को विधानसभा की आपात बैठक से अनुपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये विधायक सदन की आपात बैठक के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ थे क्योंकि उन्हें इसकी पूरी जानकारी दे दी गयी थी। निवर्तमान मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सु के खिलाफ 36 एनपीएफ विधायकों सहित 47 विधायकों के बगावत करने के बाद जेलियांग को गत 19 जुलाई को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी थी। उन्होंने 21 जुलाई को विश्वास मत जीत लिया था।

कोहिमा: नगालैंड के मुख्यमंत्री शुरहोजेली लिजित्सू शक्ति परीक्षण के लिए विधानसभा नहीं पहुंचे। उसके बाद विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस मामले में स्‍पीकर ने गवर्नर को रिपोर्ट भेजी। उसके बाद गवर्नर ने टीआर जेलियांग को एक बार फिर से इस पूर्वोत्‍तर राज्‍य का मुख्‍यमंत्री नियुक्‍त किया है। दरअसल लिजित्सू मौजूदा 59 सदस्यीय विधानसभा में नेतृत्व में बदलाव की मांग कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के नेतृत्व में सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट के 43 विधायकों की बगावत का सामना कर रहे थे। इससे पहले मंगलवार को गौहाटी हाई कोर्ट द्वारा विश्वासमत हासिल करने के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने वाली याचिका ठुकराए जाने के बाद नगालैंड के मुख्यमंत्री शरहोजेली लिजित्सू को बुधवार को विधानसभा के विशेष सत्र में शक्ति परीक्षण से गुजरना था। इससे पहले राज्यपाल पीबी आचार्य ने अपने पार्टी के विधायकों की बगावत का सामना कर रहे मुख्यमंत्री के शक्ति परीक्षण के लिए मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष इम्तीवापांग को बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे विधानसभा का आपात विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दिया था।

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