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नोएडा (यूपी): फर्जी फर्म के जरिए जीएसटी फ्रॉड करने वाले तीन बिजनेस मैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिनके पास से बॉलीबुड अभिनेता अजय देवगन से खरीदी हुई करोड़ों की कीमत वाली विदेशी कार भी बरामद की गई है। नोएडा पुलिस की टीम ने जीएसटी फ्रॉड मामले में दिल्ली के 3 अरबपतियों को गिरफ्तार किया है। इनके द्वारा फर्जी फर्म तैयार कर फर्जी बिल के माध्यम से लगभग 68 करोड़ रुपये का आईटीसी क्लेम किया गया था। पुलिस ने इनके कब्जे से कई लग्जरी गाड़िया बरामद की है, जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।

दरअसल बीते जनवरी 2023 में नोएडा थाना सेक्टर 20 पुलिस ने जीएसटी फ्रॉड मामले का खुलासा किया था। पुलिस के मुताबिक, इन आरोपियों के द्वारा फर्जी पेनकार्ड के जरिये फर्जी फर्म बनाकर बिल तैयार किया जाता था। उसके बाद उस बिल के जीएसटी आईटीसी क्लेम कर के करोड़ों रूपये के राजस्व का चूना लगाया जाता था। इस मामले में दिल्ली का एक अरबपति बिजनेसमैन परिवार सहित फरार चल रहा था। जिस पर पुलिस ने 25-25 हज़ार का इनाम घोषित किया था।

नोएडा सेक्टर 20 पुलिस ने किया गिरफ्तार

नोएडा के थाना सेक्टर 20 पुलिस की टीम ने आज आरोपी अरबपति बिजनेसमैन संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और मयंक ढींगरा को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस को इनके पास से 6 लग्जरी गाड़िया बरामद हुई है। इनके पास से विदेशी गाड़ियां भी बरामद हुई है, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये में बताई जा रही है। वहीं इनके पास से लगभग 4 करोड़ के कीमत वाली गाड़ी भी बरामद हुई है। ये गैंग पूरी तरह फर्जी डेटाबेस के जरिए फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित बनाकर सरकार को हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचाते थे। पुलिस इस मामले में एक साल में 41 लोगो को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनके पास से लाखों लोगों का डेटा बरामद हो चुका है।

साल 2022 के मई महीने में थाना सेक्टर 20 पुलिस को एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि उसके पेन कार्ड पर फर्जी फर्म तैयार करके जीएसटी हेरफेर किया गया है। शिकायत मिलने के बाद थाना सेक्टर 20 पुलिस टेक्निकल सर्विलांस के माध्यम से छानबीन में जुट गई थी। जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे नेक्सेस का खुलासा किया था। ये लोग फर्जी फर्म जीएसटी नंबर सहित बनाकर बिना माल की डिलीवरी किए फर्जी बिल तैयार करके जीएसटी रिफंड लेकर राजस्व को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा रहे थे।

पिछले 5 सालों से यह गिरोह संगठित रूप से इस तरह के फर्जी फर्म तैयार करने में लगे हुए थे। टीम फर्जी दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल आदि का उपयोग करके फर्जी फर्म जीएसटी नंबर तैयार करते थे। फिर फर्जी फर्म जीएसटी नंबर के फर्जी बिल का उपयोग करके जीएसटी रिफंड आईटीसी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करके भारत सरकार को हजारों करोड़ रुपए के राजस्व का चूना लगा रहे थे।

जस्ट डायल के माध्यम से अवैध रूप से डाटा खरीदते थे, उसके बाद शराबी लोगों को 1000-1500 रुपये का लालच देकर उन्हें भ्रमित करके उनके आधार कार्ड से फर्जी मोबाइल सिम नंबर रजिस्टर करवाते थे। उसके बाद ऑनलाइन रेंट एग्रीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी बिल को फर्जी तरीके से डाउनलोड किया जाता था। इसी तरह यह टीम डाउनलोड किए गए रेंट एग्रीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल को एडिट करके फर्म का फर्जी एड्रेस तैयार करते थे, जिन शराबी लोगों का आधार कार्ड लेते थे उस पर पैन कार्ड डाटा सर्च किया जाता था। जैसे ही आधार कार्ड में रोहित नाम के किसी डेटा के 80 नाम कॉमन पाए जाते थे तो ऐसे सभी 80 नामों के पैन कार्ड पर रोहित नाम के आधार कार्ड और अन्य फर्जी दस्तावेजों को शामिल करके फर्जी फर्म रजिस्टर करवा कर उसके जीएसटी नंबर रजिस्टर करवाने के लिए reg.gst.gov.in लॉगइन करते थे।

इनके द्वारा जीएसटी पोर्टल में फर्म रजिस्ट्रेशन करने के लिए लॉगिन करने के दौरान जीएसटी विभाग द्वारा एक वेरिफिकेशन कोड भेजा जाता था, जो इनके द्वारा आधार से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर पहुंच जाता था। जिसे ये जीएसटी पोर्टल पर डालकर वेरीफाई करके एक फर्जी फर्म जीएसटी नंबर सहित रजिस्टर करवा लेते थे। आरोपियों द्वारा रजिस्टर करवाए गए फर्म से जीएसटी नंबर सहित का उपयोग करके बिना माल का आदान प्रदान किए फर्जी बिल तैयार करते थे। उसके बाद फर्जी बिल का उपयोग करके भारत सरकार से जीएसटी रिफंड करा लेते थे। उनके द्वारा एक फर्जी फर्म से एक महीने में 2-3 करोड़ रुपए का फर्जी बिल का उपयोग किया जाता था। इस पूरे गिरोह में पुलिस अब तक 41 लोगो को गिरफ्तार कर चुकी है और अन्य लोगो के तलाश में जुटी हुई है।

जानकारी देते हुए डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि जीएसटी फ्रॉड मामले में फरार चल रहे तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। जिनका नाम संजय ढींगरा, मयंक ढींगरा और कनिका ढींगरा है। इनके द्वारा 9 शेल कंपनी से 68.15 करोड़ का आईटीसी क्लेम किया था। इनके ऊपर 25-25 हज़ार का इनाम घोषित था और ये लोग अलग अलग गाड़िया बदतले रहते थे ताकि पकड़ में न आये। इनके द्वारा डेरी का काम किया जाता था। जैसे ही ये पकड़े जाते थे फिर कंपनी का नाम बदल देते थे, इनके द्वारा एक गाड़ी एक बड़े बॉलीवुड स्टार से खरीदा गया था।

फोटो: सोशल मीडिया से साभार

 

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