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नई दिल्ली: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को कहा कि उनका मुल्क भारत को एक मौके के तौर पर देख रहा है, जहां आने वाले सालों में वह 100 बिलियन डॉलर तक का निवेश कर सकता है। प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किये। इनमें 'नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश के लिये दोनों देशों ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये।

इसके अलावा पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग पर भी एक एमओयू हुआ। दोनों देशों ने आवास के क्षेत्र में सहयोग के लिये भी एक एमओयू किया। भारत के इन्वेस्ट इंडिया और सऊदी अरब के जनरल इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के बीच भी द्विपक्षीय निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिये सहयोग ढांचे पर हस्ताक्षर किये गए। प्रसार भारती एवं सऊदी ब्रॉडकास्ट कोऑपरेशन के बीच भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ''पिछले हफ्ते पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला, इस मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाए कहर की एक और क्रूर निशानी है।

उन्होंने कहा, ''इस खतरे से प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार का समर्थन दे रहे देशों पर सभी संभव दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का आधारभूत ढांचा नष्ट करना, इसे मिलने वाला समर्थन समाप्त करना और आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों को सजा दिलाना बहुत जरूरी है।

इस अवसर पर सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि हम खुफिया सूचना साझा करने सहित अन्य क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग करेंगे।

दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको ने बुधवार को कहा कि वह भारत में पेट्रोरसायन तथा रिफाइनरी परियोजनाओं में निवेश के लिये रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा अन्य भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी भारत की ऊर्जा मांग परृदश्य को लेकर उत्साहित है और यहां निवेश करने को लेकर उत्सुक है। कंपनी ने अपनी भागीदार संयुक्त अरब अमीरात की एडनोक के साथ महाराष्ट्र में प्रस्तावित 44 अरब डॉलर की रिफाइनरी-सह-पेट्रोरसायन परिसर में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों से 50 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है।

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