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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में परोसे जाने वाले लड्डू बनाने में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक नई स्वतंत्र एसआईटी गठित करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, एसआईटी में सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी और एफएसएसएआई का एक वरिष्ठ अधिकारी होगा। सीबीआई निदेशक एसआईटी जांच की निगरानी करेंगे।

इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर आरोप में कोई भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एसआईटी की निगरानी किसी वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी की ओर से की जाए, इससे लोगों में भरोसा बढ़ेगा। एसजी ने कहा कि देश भर में भक्त हैं, खाद्य सुरक्षा भी है। मुझे एसआईटी के सदस्यों के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि एक स्वतंत्र एसआईटी बनाई जाए। इसमें सीबीआई और राज्य सरकार से दो-दो सदस्य रह सकते हैं। इसके अलावा एफएसएसएआई से  एक सदस्य को समिति में रखा जाए।

नई दिल्ली: श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी के इस्तेमाल के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने की मांग की है। इससे पहले हिंदू सेना समिति के सुरजीत यादव और सुदर्शन टीवी के सुरेश चव्हाण भी इस मामले पर याचिका दाखिल कर चुके हैं।

इस मामले में हिन्दू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले पर इसी मसले पर वकील सत्यम सिंह राजपूत ने एक पत्र याचिका भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को प्रेषित की थी।

जानें क्या है पूरा विवाद

लैब रिपोर्ट के हवाले से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि मंदिर के प्रसादम में प्रयोग होने वाले शुद्ध घी में जानवरों की चर्बी मिली है। इसके अलावा प्रसाद बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद से देश में राजनीतिक भूचाल मचा हुआ है।

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी के राज्यसभा के दो सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है। बीडा मस्थान राव जादव और वेंकटारमन राव मोपीदेवी का इस्तीफा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वीकार कर लिया है।

बीडा मस्थान राव का कार्यकाल जून 2028 में समाप्त होना था। वह तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) छोड़कर वाईएसआरसीपी में शामिल हुए थे। अब उनके वापस तेदेपा में जाने की अटकलें हैं।

राज्यसभा में घट जाएगी वाईएसआरसीपी की संख्या

सूत्रों के मुताबिक मोपीदेवी का कार्यकाल जून 2026 तक था। वह भी तेदेपा में शामिल हो सकते हैं। इन दोनों सदस्यों के इस्तीफे के बाद राज्यसभा में वाईएसआरसीपी के सदस्यों की संख्या 11 से घटकर नौ रह गई है। राजग की प्रमुख सहयोगी तेदेपा का राज्यसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसी जानकारी मिली है कि तेदेपा मस्तान राव को उपचुनाव में मैदान में उतार सकती है लेकिन मोपीदेवी राज्यसभा में वापसी के इच्छुक नहीं हैं।

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में बुधवार को एक फार्मा यूनिट में रिएक्टर विस्फोट में 17 मजदूरों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए। अचुतापुरम विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में दवा कंपनी एसिएंटिया में लंच ब्रेक के दौरान यह विस्फोट हुआ। अधिकारियों ने बताया कि लंच ब्रेक के दौरान कंपनी परिसर में विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई। कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई और वे जान बचाने के लिए बाहर भागे।

आग बुझाने के लिए कई दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। एनडीआरएफ, दमकल कर्मियों और पुलिस ने इमारत की तीसरी मंजिल पर फंसे कर्मचारियों को बचाया। घायलों को अनकापल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है, क्योंकि घायलों में से कुछ की हालत गंभीर है। विस्फोट के समय कंपनी में लगभग 300 कर्मचारी मौजूद थे।

विस्फोट इतना जोरदार था कि इमारत की पहली मंजिल का स्लैब ढह गया। पूरे इलाके धुआं छा गया, जिससे बचाव अभियान में बाधा आ रही है।

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