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भुवनेश्वरः ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर के सम अस्पताल में सोमवार शाम लगी आग में दम घुटने से कम से कम 22 मरीजों की मौत हो गई जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सीएम नवीन पटनायक और पीएम मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं। माना जा रहा है कि सम अस्पताल की पहली मंजिल पर बने डायलिसिस वॉर्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी, जो पास के सघन चिकित्सा केंद्र (आईसीयू) सहित अन्य जगह तक तुरंत फैल गई। सम अस्पताल की इमारत चार मंजिली है। अधिकारियों ने बताया कि सम अस्पताल से 14 मरीज मृत अवस्था में कैपिटल अस्पताल लाए गए, जबकि अमरी अस्पताल में आठ मरीज मृत अवस्था में लाए गए। कैपिटल अस्पताल के अधीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने कहा, हमने 14 शव प्राप्त किए हैं, जबकि पांच अन्य मरीजों को सम अस्पताल से दूसरे अस्पताल में ले जाया गया है। भुवनेश्वर के अमरी अस्पताल के इकाई प्रमुख डॉ़ सलिल कुमार मोहंती ने कहा, कुल 37 मरीज हमारे कैजुअल्टी वॉर्ड में लाए गए हैं। हमारे डॉक्टरों ने आठ लोगों को मृत घोषित कर दिया है। कैपिटल अस्पताल के डॉक्टर ने कहा, ज्यादातर पीड़ित हादसे की चपेट में आए सम अस्पताल की पहली मंजिल पर बनी आईसीयू में थे। सम अस्पताल में आग की घटना पर गंभीर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हादसे को अत्यंत दुखद करार दिया। मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे सम अस्पताल से लाए गए मरीजों को जरूरी इलाज मुहैया कराएं।

उन्होंने सभी निजी अस्पतालों से भी अनुरोध किया कि वे सम अस्पताल के मरीजों का इलाज करें। इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे दिमाग झकझोर देने वाली घटना करार दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ओड़िशा के अस्पताल में लगी आग में लोगों की जान जाने से काफी दुखी हूं। यह त्रासदी दिमाग को झकझोर देने वाली है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। उन्होंने कहा, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है और उन्हें घायलों को एम्स में भर्ती कराने की व्यवस्था करने को कहा है। उम्मीद है कि घायल लोग जल्द स्वस्थ होंगे। मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी बात की है और उनसे घायलों एवं प्रभावितों के लिए हरसंभव मदद सुनिश्चित करने को कहा है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र इस मामले में ओड़िशा को हर जरूरी मदद दे रहा है। उन्होंने कहा कि वह पहले ही भुवनेश्वर स्थित एम्स के अधिकारियों से बात कर चुके हैं और उनसे मरीजों को हर जरूरी मदद करने को कहा है। घटना के बाद किए गए ट्वीट में नडडा ने कहा, मैंने एम्स, भुवनेश्वर के निदेशक से बात की है ताकि मरीजों को बेहतरीन तरीके से हर जरूरी समर्थन और मदद मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सी के मिश्रा ओड़िशा के स्वास्थ्य अधिकारियों से पहले ही बातचीत कर चुके हैं और वह उनसे लगातार संपर्क में हैं । भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि पुलिस आयुक्त कार्यालय और दमकल कर्मियों ने स्वयंसेवकों एवं अस्पताल कर्मियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया, क्योंकि 500 से ज्यादा मरीज इमारत में फंसे हुए थे। आग पर काबू पाने के लिए कम से कम सात अग्निशमन वाहनों को लगाया गया और नाजुक हालत वाले मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजने के लिए एक दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस लगाए गए। एक चश्मदीद ने कहा कि कई मरीजों को खिड़कियों के शीशे तोड़कर निकाला गया। इस बीच, ओड़िशा सरकार ने घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। मेडिकल शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के निदेशक मामले की जांच करेंगे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अतनु एस नायक ने कहा कि यदि अस्पताल अधिकारियों को लापरवाही का दोषी पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कैपिटल अस्पताल के निदेशक बी बी पटनायक ने कहा कि कई पीड़ित सम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे और जीवन रक्षक प्रणाली पर रह रहे थे। ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुई। उन्होंने कहा कि नाजुक तौर पर घायल हुए दो मरीजों को कैपिटल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। डॉ़ पटनायक ने बताया कि कैपिटल अस्पताल के अलावा मरीजों को पास के अमरी अस्पताल, अपोलो अस्पताल, कलिंग अस्पताल, कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और राज्य राजधानी क्षेत्र के कुछ अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया। साल 2011 में कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में भीषण आग लगी थी, जिसकी चपेट में आने से 89 लोग मारे गए थे जिनमें 85 मरीज थे।

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