इटावा: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को पूरे परिवार के साथ सैफई दीपावली मनाने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बड़ा एलान किया है। उन्होंने कहा कि सपा अब किसी बड़े दल से गठजोड़ नहीं करेगी। इसके बदले छोटे दलों से तालमेल बढ़ाया जाएगा। अखिलेश यादव ने दीपावली के मौके पर इटावा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ये घोषणा की।
इस मौके पर बसपा के तीन पूर्व जिला अध्यक्ष लाखन सिंह, राघवेंद्र गौतम,जितेंद्र दोहरे, बसपा नेता वीरू भदौरिया, कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कीरत पाल सहित कई नेता अखिलेश यादव के सामने सपा में शामिल हुए। अखिलेश पूर्व में हुए उत्तर प्रदेश के चुनावों में पहले कांग्रेस फिर बसपा से गठबंधन का प्रयोग कर चुके हैं। उनके ये दोनों प्रयोग असफल रहे। बड़े दलों से गठबंधन के बावजूद चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। शनिवार को अखिलेश यादव ने साफ किया कि अब यूपी में सपा किसी अन्य बड़े दल से कोई गठबंधन नहीं करेगी। इसकी बजाए छोटे दलों से गठजोड़ किया जाएगा।
अखिलेश ने दीपावली पर यादव कुनबे की एकजुटता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। अखिलेश ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और अपने चाचा शिवपाल के लिए 2022 के विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर की सीट छोड़ने और सरकार बनने पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाने का एलान किया। प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश के इस एलान को शिवपाल की ओर से पूर्व में सपा से गठजोड़ की सम्भावनाओं पर दिए गए बयानों के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।
यूपी की सात सीटों पर उपचुनाव एवं बिहार में महागठबंधन की हार पर अखिलेश ने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा, लोकतंत्र में इतना बड़ा धोखा किसी के साथ नही हुआ। महागठबंधन को बेईमानी से हराया गया है। बिहार में भाजपा नहीं बल्कि सरकार चुनाव लड़ रही थी।