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नई दिल्ली: पिछले महीने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भाजपा नेता का चालान करने वाली महिला पुलिस अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। बुलंदशहर के स्याना में सीओ के पद पर तैनात श्रेष्ठा सिंह को बहराइच भेज दिया गया है। भाजपा की नेता की धमकी के बाद भी उन पर कानून का डंडा चलाने वाली महिला पुलिस ऑफिसर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, लोग इन्हें 'लेडी सिंघम' जैसी उपाधी से संबोधित कर रहे थे। वायरल वीडियो में श्रेष्ठा सिंह बीजेपी नेता को यह भी बताती दिखीं थीं कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। नियम-कानून तोड़ने पर वह सबके खिलाफ एक समान एक्शन लेंगी। भाजपा नेता के बदसलूकी करने पर महिला अफसर ने उन्हें हद में रहने तक की हिदायत भी दी थीं। गौरतलब है कि 23 जून को स्याना में चेकिंग के दौरान जब जिला पंचायत सदस्या प्रवेश देवी के पति प्रमोद लोधी को पुलिस ने बिना हेलमेट और बिना कागजात के बाइक चलाते पकड़ा और चालान किया तो वह सीओ स्याना श्रेष्ठा सिंह से ही भिड़ गए. प्रमोद लोधी ने सीओ से भी अभद्रता की, जिसके बाद उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तार कर लिया गया।

जब प्रमोद को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया गया तो वहां बड़ी संख्या में भाजपा नेता के समर्थक पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे चालान के नाम पर दो हजार रुपये मांगे। हंगामा कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं को श्रेष्ठा सिंह ने कहा कि आप लोग ऊपर चले जाइये और सीएम साहब से लिखवाकर ले आइये की पुलिस को चेकिंग का कोई अधिकार नहीं है। वो गाड़ियों की चेकिंग न करे। हम अपनी गाड़ियों की जांच नहीं करवाएंगे। उन्होंने कहा था कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करेगा, सरकारी कामकाज में बाधा डालेगा और बदसलूकी करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट में पेशी के दौरान भी बीजेपी नेता और श्रेष्ठा सिंह में काफी बहस हुई थी। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर पुलिस अधिकारियों के तबादले किए हैं। यूपी के 244 डिप्टी एसपी (सीओ) के तबादले कर दिए हैं। सरकार ने 44 आईएएस और 6 पीसीएस अफसरों का ट्रांसफर किया है।

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