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लखनऊ: औद्योगिक संगठन एसोचैम के एक सर्वे के अनुसार शहरी क्षेत्रों में योग करने वालों की संख्या में करीब 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। एसोचैम के महामंत्री डीएस रावत ने सर्वेक्षण के नतीजे जारी करते हुए कहा कि भारत में योग के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है और लोग योग के शरीर और मस्तिष्क पर पड़ने वाले बेहतर और सकारात्मक प्रभाव के कारण इसे अपना रहे है। रावत ने कहा कि देश में प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों की कमी है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार को चाहिए कि वे 12वीं कक्षा के बाद योग पर तीन साल का स्नातक कोर्स आरंभ करें ताकि देश में अधिक से अधिक युवा प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक बन सकें। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। एसोचैम के सामाजिक विकास फाउंडेशन द्वारा इस सर्वेक्षण में करीब 500 कामकाजी और गैरकामकाजी लोगों से बातचीत की गई। इसमें 20 से 45 वर्ष के पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल थे। यह सर्वे अहमदाबाद, बेंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई के लोगों के बीच यह जानने के लिए किया गया था कि क्या योग करने वालो की संख्या बढ़ी है और उनके योग करने के क्या कारण है।

सर्वे में करीब 275 लोगों ने बताया कि योग करने से उन्हें काफी फायदे हुए है जैसे तनाव में कमी, अच्छी सेहत, सकारात्मक विचार तथा स्वस्थ शरीर आदि लाभ मिले।

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