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लखनऊ: गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। इस प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी ने उन्हें अपनी जांच में दोषी पाया है। सीओ चौक राधेश्याम के नेतृत्व वाली एसआईटी ने जांच में पाया कि गायत्री ने पीड़िता को कई बार कॉल की थी। वह गायत्री के दोनों ही सरकारी आवासों पर आकर रुकती थी। इसमें गायत्री के नौकर, माली और रसोइये के बयान भी दर्ज किये गये हैं। इन तथ्यों और पीड़िता के बयान को आधार बनाते हुए एसआईटी ने अपनी चार्जशीट तैयार की है। 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रजापति और उसके गुर्गों के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में गैंगरेप, रेप की कोशिश, पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। चित्रकूट की रहने वाली पीड़िता का आरोप था कि मौरंग का पट्टा दिलाने के नाम पर गायत्री व उसके गुर्गों ने उसके साथ गैंगरेप किया। वहीं, उसकी नाबालिग बेटी से भी रेप की कोशिश की। इस मामले की विवेचना पहले सीओ अमिता सिंह फिर सीओ अवनीश मिश्रा को दी गई थी। पर, लापरवाही के आरोप में उनसे यह जांच ले ली गई थी। एसएसपी दीपक कुमार ने गायत्री के खिलाफ दर्ज मुकदमों की विवेचना के लिए सीओ चौक राधेश्याम राय की अगुवाई में एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) गठित की थी।

एसआईटी का नेतृत्व कर रहे सीओ राधेश्याम राय ने बताया कि पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि उसके साथ गायत्री के मंत्री आवास, विधायक आवास और अशोक मार्ग स्थित होटल रामकृष्ण में दरिंदगी हुई थी। एसआईटी की जांच में तीनों ही जगह बताए गए दिन और वक्त पर पीड़िता के मौजूद होने की पुष्टि भी हुई। सीओ ने बताया कि कॉल डिटेल, पीड़िता के कलमबंद बयान और एक गवाह के बयान के आधार पर गायत्री प्रजापति, विकास वर्मा, अशोक तिवारी, अमरेन्द्र सिंह उर्फ पिंटू, गनर चन्द्रपाल, पीआरओ रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।

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