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लखनऊ: अयोध्या के विवादित ढांचा को ढ़हाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, मंत्री उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा और विष्णु हरि डालमिया को 30 मई को पेश होने का आदेश दिया है। अदालत 30 मई को ही इन सभी नेताओं के खिलाफ आरोप तय करेगा, इसके साथ ही जज ने यह भी कहा कि किसी को पेशी से छूट नहीं दी जा सकती। सीबीआई की विशेष अदालत आज महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास व डा़ सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय करेगी। अदालत ने इस मामले में पहले एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी अतंभरा व विष्णु हरि डालमिया को 26 मई को पेश होने को कहा था। बुधवार को विशेष अदालत के सामने इस मामले के एक आरोपी डॉ. सतीश प्रधान हाजिर हुए और जमानत की मांग की। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने प्रधान को न्यायिक हिरासत में लेते हुए उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली। उन्हें 20 हजार की एक जमानत व इतनी ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया। छह दिसम्बर, 1992 को विवादित ढांचा ढंहाए जाने के मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई थी।

एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी। सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया था। जिसमें 13 आरोपियों को अदालत ने आरोप के स्तर पर ही डिस्चार्ज कर दिया था। सीबीआई की ओर से इस आदेश को पहले हाईकोर्ट व बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।

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