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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों की बैठक में राज्यपाल राम नाईक के संबोधन के दौरान हंगामे पर उतारू विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की, सीटी बजायी और राज्यपाल की ओर कागज के गोले बनाकर फेंके। राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्षी सपा के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के सामने आ गये। उनके हाथों में प्लेकार्ड और पोस्टर थे। कानून व्यवस्था और किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए विपक्षी सदस्यों ने पूरे भाषण के दौरान हंगामा किया लेकिन नाईक इससे विचलित हुए बिना भाषण पढ़ते रहे। इस दौरान सपा सदस्य लगातार पोस्टरों को फाड़कर कागज के गोले बनाते रहे और उसे राज्यपाल की ओर उछालते रहे। राज्यपाल के सुरक्षाकर्मी और मार्शल फाइल कवर और दफ्तियों के सहारे गोलों को रोक रहे ताकि वे राज्यपाल को ना लगने पायें लेकिन दो..तीन गोले राज्यपाल को लग गये और एक कागज का गोला तो उस कागज पर आ गिरा, जिसे देखकर वह भाषण पढ़ रहे थे। एक..दो सदस्य प्लास्टिक की सीटी लगातार बजाते दिखे। सदन में एक सदस्य को कागज का हवाई जहाज बनाकर उछालते भी देखा गया। सपा सदस्यों के हंगामे के समय पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव नजर आये। हंगामे का आलम यह था कि सपा सदस्य मेजों पर चढ़कर खड़े हो गये और नारेबाजी करते रहे।

राज्यपाल के भाषण के दौरान कुछ मौकों पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनकी बात का स्वागत किया। अभिभाषण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य सहित सरकार के मंत्री, विधायक, विपक्षी दलों के नेता और विधायक मौजूद थे। गौरतलब है कि जिस कानून व्यवस्था को चुनावी मुद्दा बना कर भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सत्ता को हासिल किया। आज उसी व्यवस्था को मुद्दा बनाकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश की। भले ही सर्वदलीय बैठक में विपक्षी नेता औपचारिकता निभाते हुए शामिल हुए, लेकिन सत्र के दौरान उनके तेवर तल्ख ही नज़र आए। विधानसभा सत्र के दौरान योगी सरकार की मुख्य चुनौती कानून-व्यवस्था के मुद्दे को लेकर बनी हुई है। योगी सरकार बनने के 50 दिनों के भीतर ही उप्र में कई जगह जातीय हिंसा हुई है। इसे लेकर कानून-व्यवस्था की स्थिति बदहाल होने का आरोप विपक्ष लगा रहा है। सहारनपुर हिंसा के अलावा पिछले 50 दिनों के भीतर कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, जब भाजपा के विधायक और सांसद ही कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बने। गोरखपुर में भाजपा विधायक राधा मोहन दास द्वारा एएसपी चारू निगम को सार्वजनिक तौर पर फटकार लगाए जाने के मुद्दे पर भी विपक्षियों ने काफी हंगामा किया था। इसके अलावा आगरा में कई हिंदूवादी संगठनों की वजह से कानून-व्यवस्था को लेकर समस्याएं खड़ी हुई हैं। इन सभी मुद्दों पर विपक्षी दलों ने सदन के भीतर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष राशिद मसूद का कहना है कि योगी सरकार के राज में माफिया राज कायम है।भाजपा के विधायक और सांसद ही कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बने हुए हैं।

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