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हावेरी: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हावेरी जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र शिग्गांव के लोगों को भावुक रूप से संबोधित करते हुए कहा है कि पद और रूतबा समेत इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। इस बयान से उनके पद से हटने की संभावना को लेकर अटकलें लगने लगी हैं। उन्होंने कहा, '' इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। यह जीवन अपने आप में ही हमेशा के लिए नहीं है। हम नहीं जानते हैं कि हम ऐसी स्थिति में यहां कब तक रहेंगे, ये पद और रुतबा हमेशा के लिए नहीं है। मैं हर पल इस तथ्य से अवगत हूं।''

अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति आभार प्रकट करते हुए बोम्मई ने कहा कि वह उनके लिए मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि बसवराज हैं। वह बेलगावी जिले के किट्टूर में 19 वीं सदी की किट्टूर रानी महारानी चेनम्मा की प्रतिमा का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। रानी चेनम्मा ने ब्रिटिशों के विरूद्ध लड़ाई लड़ी थी। बोम्मई ने कहा, ''मैं हमेशा कहता रहा हूं कि इस स्थान (शिग्गांव) के बाहर मैं अतीत में गृहमंत्री और सिंचाई मंत्री था, लेकिन जब मैं एक बार यहां आ गया तो मैं आप सभी के लिए बस बसवराज रहा।''

उन्होंने कहा, '' आज,बतौर मुख्यमंत्री मैं कह रहा हूं कि जब मैं शिग्गांव आ गया, तब भले ही बाहर मैं मुख्यमंत्री रहूं, लेकिन आपके बीच मैं वहीं बसवराज हूं, क्योंकि बसवराज नाम स्थायी है, पद स्थायी नहीं हैं।'' दरअसल कुछ वर्गों में ऐसी अटकलें हैं कि बोम्मई को पद से हटाया जा सकता है। मुख्यमंत्री कथित रूप से घुटने से संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं और उनका विदेश में उपचार हो सकता है, लेकिन इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

दो बार भावुक होते हुए बोम्मई ने याद किया कि जब भी वह बसवराज के रूप में अपने निर्वाचन क्षेत्र में आते हैं तो उन्हें कैसे स्नेह से रोट्टी (ज्वार की रोटी) और 'नवाने' (बाजरे का एक व्यंजन) खाने को परोसा जाता है। उन्होंने कहा, '' मेरे पास कहने को बड़ी चीजें नहीं हैं। यदि मैं आपकी आकांक्षाओं पर उतर पाया, तो मेरे लिए इतना ही काफी है। मेरा मानना है कि कोई भी सत्ता आपके प्यार और भरोसे से बड़ा नहीं है।'' उन्होंने रूंधे गले से कहा, ''मैं आपसे भावुक तरीके से बात नहीं करने का यथासंभव प्रयास करता हूं, लेकिन आप सभी को देखने के बाद मैं भावुकता में डूब गया।'' बोम्मई ने 28 जुलाई को मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने बी एस येदियुरप्पा के पद छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री पद संभाला था।

 

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