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बंगलूरू: कर्नाटक सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शनिवार को 29 नए मंत्रियों को विभाग बांट दिए गए। राज्य के नए मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने वित्त, बंगलूरू विकास और कैबिनेट मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी अपने पास रख ली है। 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पोर्टफोलियो वितरण पर कुछ मंत्रियों के बीच असंतोष को लेकर कहा कि 'हर किसी को मनचाहा पोर्टफोलियो नहीं मिल सकता है। वह (मंत्री आनंद सिंह) मेरे करीबी हैं इसलिए सब ठीक हो जाएगा। मैंने उन्हें फोन किया और उनसे बात की। मैं इसे संभाल लूंगा।'
 
बता दें कि अधिकतर मंत्रियों को उन्हीं विभागों की जिम्मेदारी दी गई है, जो पूर्ववर्ती बीएस येदियुरप्पा सरकार में उनके पास थे। लेकिन पहली बार मंत्री बनने वालों को कुछ महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी दी गई है, जैसे अरगा ज्ञानेंद्र को गृह विभाग और वी सुनील कुमार को ऊर्जा के साथ ही कन्नड और संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।

बासवराज बोम्मई के मंत्रिमंडल में 23 चेहरे ऐसे हैं जो पूर्ववर्ती येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में भी शामिल थे, जबकि छह नए चेहरों को भी उन्होंने जगह दी है। नए मंत्रिमंडल में 17 मंत्रियों के पास वही विभाग हैं जो पिछली सरकार में उनके पास थे। इनमें से आठ ऐसे हैं जिन्होंने 2019 में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और पार्टी को सत्ता हासिल करने में मदद की थी।

कम से कम छह ऐसे मंत्रियों को अहम विभाग मिले हैं जो न तो भाजपा के पुराने वफादार रहे हैं न ही उनकी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि रही है। इनमें अरगा ज्ञानेंद्र और सुनील कुमार शामिल हैं। केएस इश्वरप्पा- ग्रामीण विकास व पंचायती राज, आर अशोका-राजस्व, कोटा श्रीनिवास पुजारी-सामाजिक कल्याण और पिछड़ा वर्ग और बीसी नागेश- प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा ऐसे अन्य मंत्री हैं।

विभागों के बंटवारे को लेकर थोड़ा असंतोष भी देखने को मिला, दो मंत्रियों आनंद सिंह और एम टीबी नागराज ने उन्हें दिए गए विभाग को लेकर खुले तौर पर अप्रसन्नता व्यक्त की। अपने मंत्रियों के बीच असंतोष पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर उनसे बात करेंगे और मामले को सुलझाएंगे, क्योंकि हर किसी को वो विभाग नहीं मिल सकता जो वो चाहते हों।

बोम्मई ने कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार (डीएपीआर), वित्त, खुफिया, मंत्रिमंडल मामलों, बंगलूरू विकास और सभी गैरआवंटित विभागों का काम अपने पास रखा है। बृहत बंगलूरी महानगर पालिका के जल्द होने वाले चुनावों के मद्देनजर व्यापक रूप से यह उम्मीद की जा रही थी कि बंगलूरू विकास विभाग का जिम्मा शहर के एक वरिष्ठ मंत्री को सौंपा जाएगा, लेकिन इस अहम विभाग के लिए कई दावेदारों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इसे अपने पास ही रखा है।

अधिकतर मंत्रियों के पास पिछली सरकार वाले विभाग ही हैं, जिनके मंत्रालय में बदलाव हुआ है उनमें गोविंद करजोल- जल संसाधन, सीसी पाटिल- लोक निर्माण, बी श्रीरामुलु- परिवहन और अनुसूचित जनजाति कल्याण, मुरुगेश निरानी- उद्योग शामिल हैं।

कोविड-19 महामारी के बीच के सुधाकर को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग दिया गया है, जो पहले भी उनके पास था। मंत्रिमंडल में एक मात्र महिला सदस्य शशिकला जोले को मुजराई, वक्फ और हज का प्रभारी बनाया गया है। वह येदियुरप्पा के मंत्रिमंडल में महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

मंत्रिमंडल में नए चेहरे हलप्पा अचर अब महिला व बाल विकास मंत्रालय देखेंगे। उनके पास खदान एवं भूविज्ञान विभाग का जिम्मा भी होगा। अन्य मंत्रियों में वी सोमन्ना को आवास, उमेश कट्टी को वन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मिला है जबकि एस अंगारा को मत्स्य, पोत और अंतरदेशीय परिवहन का जिम्मा दिया गया है। जेसी मधुस्वामी को लघु सिंचाई, विधि एवं संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया है, सीएन अश्वथ नारायण उच्च शिक्षा, आईटी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व कौशल विकास मंत्रालय का काम देखेंगे। आनंद सिंह के पास पर्यावरण, पारिस्थितिकी और पर्यटन का कामकाज होगा।

इसके अलावा प्रभु चौहान को पशुपालन, शिवराम हेब्बर को श्रम, एस टी सोमशेखर को सहकारी विभाग दिया गया है। बीसी पाटिल को कृषि मंत्री बनाया गया है जबकि बीए बसवराज शहरी विकास विभाग का काम देखेंगे। के गोपालैया आबकारी विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। एमटीबी नागराज नगर प्रशासन व लघु उद्योग विभाग का कामकाज देखेंगे। नारायण गौडा को रेशम विभाग, युवा सशक्तिकरण तथा खेल विभाग दिया गया है। शंकर पाटिल मुनेनाकोप्पा को हथकरघा व वस्त्र विभाग तो मुनिरत्न को बागवानी एवं योजना विभाग का मंत्री बनाया गया है।

अपने विभाग को लेकर खुलेतौर पर नाखुशी जाहिर करने वाले एमटीबी नागराज और आनंद सिंह कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन छोड़कर 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे। नागराज ने ट्वीट किया, 'पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने अपना वादा नहीं निभाया। मैं दिए गए विभाग से खुश नहीं हूं। अगले 2-3 दिनों में इस बारे में फैसला लूंगा।'

उनके पास पिछली सरकार में भी नगर प्रशासन मंत्रालय था और इस बार भी उन्हें यही दिया गया है, इसके अलावा लघु उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र उद्योग की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गई है। आनंद सिंह ने भी उन्हें मिले विभाग पर असंतोष व्यक्त किया। उन्हें पर्यावरण, परिस्थितिकी और पर्यटन विभाग दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलेंगे, लेकिन ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे पार्टी की शर्मिंदगी हो। सिंह के बयान पर टिप्पणी करते हुए बोम्मई ने कहा, 'मैं उन्हें बुलाकर बात करूंगा। वो मेरे अच्छे मित्र हैं।'

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