नई दिल्ली: मुख्यमंत्री की कुर्सी जाते ही बीएस येदियुरप्पा की मुश्किलें शुरू हो गई हैं। भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा को नोटिस भेजा है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आवासीय परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में मंगलवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, उनके बेटे एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्ययक्ष बी वाई विजयेंद्र, उनके परिवार के सदस्यों, पूर्व मंत्री एस टी सोमशेखर और भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के खिलाफ नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति एस सुनील दत्त यादव की एकल पीठ ने कार्यकर्ता टी जे अब्राहम की एक याचिका पर इन सभी के खिलाफ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इस साल आठ जुलाई को विशेष अदालत द्वारा जारी आदेश को याचिका के जरिए चुनौती दी गई है। उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और तत्कालीन मंत्री सोमशेखर पर मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगने वाला मामला खारिज कर दिया था। यह मामला बेंगलुरु विकास प्राधिकरण की एक आवासीय परियोजना के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेने से जुड़ा हुआ है।
इस विषय पर कर्नाटक विधानसभा में भी उस वक्त चर्चा हुई थी, जब विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने एक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और कुछ गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं, येदियुरप्पा और उनके बेटे ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि इस विषय में कोई सच्चाई नहीं है।
यह मामला बेंगलुरु में 662 करोड़ रुपये की लागत से एक अपार्टमेंट के निर्माण से जुड़ा हुआ है। इससे पहले कई कांग्रेस नेता आरोप लगाते रहे हैं कि येदियुरप्पा, उनके बेटे, दामाद और पोते जैसे निकट रिश्तेदारों की परियोजना में भ्रष्टाचार और रिश्वत की संलिप्तता रही है। आरोप है कि कोलकाता में एक फर्जी कंपनी के माध्यम से रिश्वत मांगी गई और भुगतान भी किया गया था। इस मामले में समय-समय पर जांच की मांग भी उठती रही है।
आपको बता दें कि इसी साल बीएस येदियुरप्पा की कुर्सी गई है। 28 जुलाई को बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 26 जुलाई 2019 को कांग्रेस-जेडीएस की गठजोड़ वाली कर्नाटक राज्य सरकार को गिराने के बाद बीएस येदियुरप्पा चौथी बार मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन अब कर्नाटक में सीएम के बदले जाने के बाद बीएस येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।