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बेंगलुरु: बीते कुछ दिनों से कृषि कानून को लेकर देशभर में जगह जगह प्रदर्शन जारी हैं। सोमवार को भी देश के कई हिस्सों में कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। कर्नाटक में कृषि बिलों (अब कानून), भूमि सुधार अध्यादेश, एपीएमसी और श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ किसान संगठनों ने आज राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। कर्नाटक राज्य राइथा संघ और हसीरू सेने, और अन्य संगठनों ने बेंगलुरु में सर पुत्तन्ना चेट्टी टाउन हॉल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। 

सरकार किसानों से झूठ बोल रही है

कर्नाटक किसान संघ के अध्यक्ष के चंद्रशेखर ने कहा हैं, "यह सरकार किसानों से झूठ बोल रही है, नरेंद्र मोदी झूठे हैं। इसे लागू करने की कोशिश कर रहे येदियुरप्पा झूठ में मोदी का साथ दे रहे हैं। यह सब किसानों के विरोधी हैं। इसके अलावा जो भूमि सुधार कानून लाया गया है वह भी किसानों के लिए नुकसानदेह ही है। सिर्फ कंपनियों को इससे फायदा होगा। इससे देश के लोगों को बहुत बड़ा झटका लगेगा इसलिए हमें आजादी की दूसरी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।"

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "नरेंद्र मोदी और बीएस येदियुरप्पा दोनों ही कृषि के लिए हानिकारक हैं" साथ ही उन्होंने कहा कि यह सरकार किसान-विरोधी है, किसान की आवाज़ को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है। हम भूमि सुधार बिल और एपीएमसी अधिनियम को वापस लेने तक किसान के साथ एकजुट रहेंगे, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

हुबली में किसान संगठन ने दुकानदारों को दिए फूल

कर्नाटक में किसान संगठन ने हुबली में दुकानदारों को फूल किए और उनसे आज के राज्यव्यापी बंद का समर्थन करने का अनुरोध किया। राज्यव्यापी बंद के बीच एक बस को रोकने के लिए प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए।

प्रदर्शनकारियों ने बनाई मानव श्रृंखला

कर्नाटक में एसडीपीआई, कर्नाटक राज्य राइथा संघ, जद(एस), कर्नाटक रक्षा वेदिक और अन्य ने अशोक सर्कल शिवमोग्गा में सरकार के विरोध में मानव श्रृंखला बनाई। 

जदएस के कार्यकर्ताओं ने निकाली बाइक रैली 

कर्नाटक में जनता दल सेक्युलर (जदएस) के कार्यकर्ताओं ने शिवमोगा में एक बाइक रैली निकाली, उन्हें पुलिस ने लक्ष्मी थिएटर सर्कल पर रोक दिया। 

कांग्रेस ने पार्टी कार्यालय पर किया विरोध

बंगलूरू में कर्नाटक कांग्रेस ने पार्टी कार्यालय पर विरोध किया। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार, प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और सिद्धारमैया मौजूद रहे। कृषि कानूनों, भूमि सुधार अध्यादेशों, एपीएमसी और श्रम कानूनों में संशोधन के खिलाफ कर्नाटक में आज एक दिन का बंद बुलाया गया है।

येदियुरप्पा बोले- लंबी चर्चा के बाद लाया गया है संशोधन

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, 'एपीएमसी और भूमि सुधार बिल में संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मैंने कुछ दिनों पहले ही विधान सौधा में किसान संघों के नेताओं से बात की थी। जब मैंने उन्हें कृषि विधेयक पर चर्चा करने के लिए बुलाया तो वे संशोधन पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने पहले ही विरोध करने का फैसला कर लिया है। एक किसान का बेटा होने के नाते मैं किसानों की तरफ हूं। ये संशोधन लंबी चर्चा के बाद लाया गया है। यह मेरी फसल है, मेरा अधिकार है। वे भारत में कहीं भी कृषि उपज बेच सकते हैं। हमने एपीएमसी के दरवाजे बंद नहीं किए हैं, आप इसे एपीएमसी में बेच सकते हैं या जहां भी आपको उचित मूल्य मिले। मैं किसानों से अनुरोध करता हूं, एक, छह महीने या एक साल तक इंतजार करें। आपको पता चल जाएगा कि यह आपकी मदद कैसे करेगा।'

कानून के खिलाफ जाएंगे अदालत: एमके स्टालिन

द्रविड़ मुनेत्र कड़घम के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कांचीपुरम के कीझांबी गांव में कृषि कानून के प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पार्टी अध्यक्ष ने कहा, 'हमारा पड़ोसी राज्य, केरल विरोध कर रहा है और संसद में पारित कृषि कानून के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है। हम अपनी राज्य सरकार से ऐसा ही करने के लिए कहते हैं अन्यथा विपक्षी दल इस पर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।'

गांधीनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

गुजरात के गांधीनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने बताया, 'देश में अंग्रेजों के शासन में जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी का राज था, वैसे ही इस कानून से आने वाले समय में कंपनी का राज आ जाएगा।'

 

 

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