ताज़ा खबरें
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े एक बार फिर से विवादित बयानब के चलते चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित बयान दिया। उन्होंने महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन को ड्रामा करार दिया। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि ऐसे लोगों को भारत में महात्मा क्यों कहा जाता। उन्होंने बेंगलुरु में एक जनसभा में ये बातें कहीं। हेगड़े ने कहा कि 'पूरे स्वतंत्रता आंदोलन का मंचन अंग्रेजों की सहमति व समर्थन से हुआ। इनमें से कोई भी कथित नेता अंग्रेजों द्वारा एक बार भी मारा पीटा नहीं गया। उनका स्वतंत्रता आंदोलन सिर्फ एक बड़ा ड्रामा था। ये एक समझौता था।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की भूख हड़ताल और सत्याग्रह सिर्फ एक ड्रामा था कोई जायज लड़ाई नहीं। कांग्रेस का समर्थन करने वाले कहते हैं कि भारत को सत्याग्रह को भूख हड़ताल के चलते आजादी मिली। ये सच नहीं है। अंग्रेजों ने सत्याग्रह के कारण भारत नहीं छोड़ा था। बल्कि अंग्रेजों ने तंग आकर हमें आजादी दे दी थी। मैं जब इतिहास पढ़ता हूं तो मेरा खून खौल उठता है। ऐसे लोग देश में महात्मा बनकर बैठे हैं।

हेगड़े के बयान पर कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा कि महात्मा गांधी को देशप्रेम का सर्टिफिकेट उस पार्टी से नहीं चाहिए जो गोरों की सरकार के चमचे थे, अनंत हेगड़े उस संगठन से आते हैं जिन्होंने तिरंगे का विरोध किया, संविधान का विरोध किया, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया। जिस तरह से गोडसे भक्तों की संख्या भाजपा में बढ़ती जा रही है, भाजपा को अपना नाम बदलकर नाथू राम गोडसे पार्टी रख लेना चाहिए।

बता दें कि बीते साल महाराष्ट्र चुनाव के बाद सरकार बनने को लेकर जारी हलचल के बीच अचानक देवेंद्र फडणवीस के शपथ लेने पर हेगड़े ने कहा था कि आप सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र में हमारा आदमी 80 घंटे के लिए सीएम बना। फिर फड़नवीस ने इस्तीफा दे दिया। उसने यह नाटक क्यों किया? क्या हमें नहीं पता था कि हमारे पास बहुमत नहीं है और फिर भी वह सीएम बने। यह सवाल हर कोई पूछ रहा है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने लगभग 40,000 करोड़ रुपये महाराष्ट्र को दिए थे। उन्हें पता था कि अगर कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की सरकार सत्ता में आती है तो वह विकास के लिए धन का दुरुपयोग करेगी। इसलिए यह तय किया गया कि एक ड्रामा किया जाएगा। फडणवीस सीएम बने और 15 घंटे में वह 40,000 करोड़ रुपये केन्द्र को वापस कर दिए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख